सोलन: हिमाचल प्रदेश में इस वर्ष मानसून का कहर जमकर बरपा है, और सोलन जिला भी इससे अछूता नहीं रहा है। जिले में अब तक हुई भारी बारिश, भूस्खलन और बाढ़ की घटनाओं के कारण सरकारी संपत्ति को 141 करोड़ रुपये के भारी-भरकम नुकसान का अनुमान लगाया गया है। इस आपदा की सबसे अधिक मार लोक निर्माण विभाग (PWD) और जलशक्ति विभाग पर पड़ी है, जिन्हें करोड़ों की क्षति उठानी पड़ी है। स्थिति से निपटने के लिए सभी विभाग पूरी तरह से अलर्ट मोड पर हैं और बहाली का काम युद्ध स्तर पर जारी है।

उपायुक्त सोलन, मनमोहन शर्मा ने विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि मानसून सीजन की शुरुआत से ही जिला प्रशासन हर स्थिति पर पैनी नजर बनाए हुए है। उन्होंने कहा कि जिले में सबसे अधिक नुकसान सड़कों और पेयजल योजनाओं को हुआ है। लोक निर्माण विभाग को भूस्खलन के कारण सड़कें टूटने, पुलियों को नुकसान पहुंचने और डंगे धंसने से भारी क्षति हुई है। वहीं, जलशक्ति विभाग की दर्जनों पेयजल और सिंचाई योजनाएं बाढ़ और सिल्ट के कारण प्रभावित हुई हैं, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल का संकट भी उत्पन्न हुआ। इन दोनों विभागों को मिलाकर ही अधिकांश नुकसान हुआ है। हालांकि, विभागों के कर्मचारी और अधिकारी अपनी जान हथेली पर रखकर बहाली के काम में दिन-रात जुटे हुए हैं, ताकि जन-जीवन को जल्द से जल्द सामान्य किया जा सके।
उपायुक्त ने बताया कि राहत की बात यह है कि जिले की अधिकांश मुख्य सड़कों को यातायात के लिए खोल दिया गया है। जिन संपर्क मार्गों पर अभी भी बड़े भूस्खलन हैं, वहां मशीनरी लगातार काम कर रही है और उन्हें भी खोलने का प्रयास जारी है। इसके अतिरिक्त, जिले भर में बाधित हुई बिजली और पानी की आपूर्ति को काफी हद तक बहाल कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि बिजली बोर्ड और जलशक्ति विभाग के कर्मचारी फील्ड में पूरी तरह से मुस्तैद हैं और जहां से भी किसी भी तरह की शिकायत आ रही है, उस पर तत्काल कार्रवाई करते हुए उसे ठीक किया जा रहा है।
मनमोहन शर्मा ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे पूरी तरह से सतर्क रहें, क्योंकि मौसम विभाग ने अभी और बारिश की आशंका जताई है। उन्होंने जनता से भी अपील की है कि वे सतर्क रहें और किसी भी तरह के खतरे की आशंका होने पर तुरंत जिला आपदा प्रबंधन केंद्र को सूचित करें।