सोलन : वरिष्ठ सत्र न्यायाधीश अरविन मल्होत्रा ने अभियुक्त अविनाश चंद पुत्र जिया लाल निवासी गाँव डुमेहर, तहसील अर्की को औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम, 1940 के अंतर्गत दोषी करार देते हुए धारा 27(डी), 28 और 28ए के तहत तीन माह का साधारण कारावास तथा 20,000 रुपये जुर्माने की सज़ा सुनाई। जुर्माना अदा न करने की स्थिति में आरोपी को 15 दिन का अतिरिक्त साधारण कारावास भुगतना होगा।
सरकारी अधिवक्ता संजय पंडित ने जानकारी देते हुए बताया कि 20 नवम्बर 2010 को सीआईडी पुलिस ने पाओ घाटी, डुमेहर के समीप चेकिंग के दौरान अमित और रवि को मोटरसाइकिल पर पकड़ा था, जिनसे 01 बोतल रेक्सकॉफ सिरप और 10 टैबलेट स्मैसमोसिप बरामद हुई थीं। उसी दिन पुलिस ने राजेंद्र, करम सिंह और प्रेम लाल को भी मौके पर पकड़ा और उनके कब्जे से 23 बोतल रेक्सकॉफ सिरप व अन्य नशीली दवाइयाँ बरामद कीं।

इसी दौरान पपलोता (कुनिहार) के पास किशन भाटिया और राहुल चौहान की कार से 14 बोतल रेक्सकॉफ सिरप बरामद की गईं। जांच के दौरान सभी आरोपियों ने खुलासा किया कि ये नशीली दवाइयाँ उन्होंने अविनाश मेडिकल स्टोर, डुमेहर से खरीदी थीं। पुलिस ने ड्रग इंस्पेक्टर की मौजूदगी में अविनाश की दुकान से भी नशीली दवाइयाँ बरामद कीं, लेकिन वह किसी भी वैध लाइसेंस को प्रस्तुत नहीं कर सका।
अदालत ने अपर्याप्त साक्ष्यों के चलते अन्य आरोपियों को बरी कर दिया, जबकि अविनाश चंद को दोषी मानते हुए सज़ा सुनाई।