स्प्रिंकल योजना ने बदली होशियार सिंह की तकदीर

ज्वालामुखी: ‘उत्तम खेती, मध्यम व्यापार – निर्विवाद नौकरी, प्राणां दा काल’ यह कहावत नम्बरदार होशियार सिंह राणा हर व्यक्ति को सुनाते हैं कि धरती मां मनुष्य की हर जरूरत को पूरा करती है, केवल आवश्यकता है मेहनत और दृढ़ इच्छाशक्ति की। पंडित दीन दयाल किसान बागवान समृद्घि योजना के द्वितीय चरण के तहत किसानों के लिये आरम्भ की गई स्प्रिंकल सिंचाई योजना का लाभ उठाकर होशियार सिंह ने वैज्ञानिक ढंग से सब्जी उत्पादन कर स्वयं को स्वावलम्बी बनाया है। जिसके लिये वह सरकार का आभार प्रकट करता है।

हिमाचल प्रदेश के कांगडा जिला के ज्वालामुखी के पास रानीताल के समीप राष्ट्रीय उच्च मार्ग-88 के किनारे बसा है एक छोटा सा गांव रसूंह। जहां पर होशियार सिंह ने गत चार मास के दौरान 35 कनाल भूमि में सब्जी का उत्पादन कर किसानों के लिये एक मिसाल कायम की है। इन्होंने अपने खेत में स्प्रिंकलर स्थापित कर गोभी, मूल, शलगम, पालक, धनिया, सौंफ का उत्पादन कर लगभग तीन लाख रूपये का लाभ कमाया है।

43 वर्षीय होशियार सिंह का कहना है कि उनके द्वारा अपने जीवन में अनेक प्रकार के कामधन्धों जैसे ट्रांसपोर्ट, दुकानदारी, ट्रैक्टर इत्यादि को आजीविका का साधन बनाने का प्रयास किया गया, परन्तु हर क्षेत्र में उन्हें असफलता और निराशा ही हाथ लगी। अन्तत: होशियार सिंह ने वापिस घर आकर कृषि करने की मन बनाया, परन्तु चंगर क्षेत्र होने के कारण सिंचाई की चिन्ता सताने लगी, जिसके लिये इन्होंने कृषि विभाग के अधिकारियों से सम्पर्क किया और कृषि विकास अधिकारी कच्छियारी, डॉ. रविकांत चौहान ने होशियार सिंह को सरकार द्वारा चलाई जा रही पंडित दीन दयाल किसान बागवान समृद्घि योजना के तहत स्पिंकल सिंचाई योजना के तहत तकनीकी एवं अनुदान बारे जानकारी दी।

होशियार सिंह ने अपनी जमीन के साथ बहने वाले बरसाती नाले में चैक डैम बनाकर व्यर्थ बहने वाले वर्षाजल का संग्रहण किया और जिसके लिये सरकार द्वारा उन्हें 7060 रूपये की राशि 50 प्रतिशत अनुदान के रूप में दी गई। होशियार सिंह ने नाले में जेवीसी मशीन लगाकर नाले को जल संग्रहण हेतू गहरा किया और एकत्रित जल को खेतों तक पहुंचाने के लिये तीन अश्वशक्ति की मोटर लगाई और पानी के पाइप के माध्यम से खेतों तक पहुंचाया, जहां उन्होंने अपन हर खेत में स्प्रिंकल स्थापित किये थे। इसके अतिरिक्त इस योजना के तहत सरकार द्वारा इन्हें 40 हजार रूपये की राशि वैज्ञानिक ढंग से सब्जी उत्पादन करने के लिये प्रदान की गई।

होशियार सिंह ने एक साक्षात्कार में बताया कि स्प्रिंकल सिंचाई योजना से जहां पानी व्यर्थ बहने से बचता है, वहीं पर सिंचाई में केवल एक चौथाई खपत होती है, जिससे किसान कम पानी से अधिक सिंचाई करके कृषि को बेहतर ढंग से कर सकता है। उन्होंने इस कार्य में अपने साथ दस व्यक्तियों को रोजग़ार दिया है। उन्होंने बताया कि उत्पादित सब्जी को बेचने के लिये कहीं दूर नहीं जाना पड़ता, बल्कि थोक सब्जी विक्रेता स्वयं खेत में आकर सब्जी ले जाते हैं, जिस कारण उन्हें घर पर ही अपने उत्पाद का उचित मूल्य मिल जाता है।

उन्होंने बताया कि इस समय उनके द्वारा श्वेता किस्म की फुलगोभी, पुसा किस्म का पालक, धनिया, सौंफ, मूली, शलगम इत्यादि नकदी सब्जियों का उत्पादन किया जा रहा है तथा बरसात से पहले मक्की, खीरा, घिया, कद्दू, शिमला मिर्च इत्यादि हरी सब्जियों का उत्पादन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि लोगों को भून कर खाई जाने वाली कच्ची मक्की इस बार इस क्षेत्र में होशियार सिंह उपलब्ध करवाएगा। होशियार सिंह इस योजना का और लाभ उठाते हुए बेमौसमी सब्जियों के उत्पादन के लिये एक पॉलीहाऊस का निर्माण करवाने जा रहा है।

होशियार सिंह का कहना है कि सरकार की इस योजना के फलस्वरूप वह खुशहाली की ओर अग्रसर हुआ है तथा अन्य कृषकों, विशेषकर बेरोजग़ार युवाओं को नौकरी की तलाश की वजाय कृषि को ही व्यवसाय अपनाकर आधुनिक व वैज्ञानिक ढंग से खेती कर सरकार की योजनाओं का पूर्ण लाभ् उठाते हुए स्वावल बन की ओर बढऩा चाहिए।

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