धर्मशाला : वर्तमान परिपेक्ष्य में सरकारी क्षेत्र में रोज़गार के सीमित अवसर होने के कारण बेरोज़गार युवाओं को बैंक उदारता से ऋण प्रदान करें ताकि स्वरोज़गार को बढ़ावा मिल सके।
यह विचार उपायुक्त कांगड़ा श्री आर.एस. गुप्ता ने आज यहां बैंकों में ऋण जमा अनुपात बढ़ाने हेतू बुलाई गई बैठक की अध्यक्षता करते हुए व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि बैंक द्वारा ऋण वितरण और वसूली को संतुलित करने के लिये प्रभावी कदम उठाए जायें ताकि बैंकों के माध्यम से लोगों की आर्थिकी के साथ-साथ अन्य विकास कार्यां में भी तेजी लाई जा सके।
उपायुक्त ने जिला अग्रणी बैंक की उपलब्धियों की समीक्षा करते हुए जानकारी दी कि बैंक द्वारा गत वित्तीय वर्ष के दौरान 831 करोड़ रूपये के ऋण प्रदान किये गये जिसमें कृषि क्षेत्र में 340 करोड़, लघु एवं मध्यम उद्यमी को 185 करोड़ तथा अन्य निजी कार्यों के लिये 306 करोड़ रूपये के ऋ़ण प्रदान किये गये जबकि चालू वित्त वर्ष में 931 करोड़ रूपये के ऋण प्रदान करने का लक्ष्य रखा गया है।
उन्होंने कहा कि बैंक, ऋण प्रदान करने सम्बन्धी समस्त औपचारिकताओं को सरलबद्ध तरीके से एक मुश्त पूरा करके ऋण मामलों को भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी दिशानिर्देशों अनुसार निश्चित समयावधि में पूरा करें ताकि उपभोक्ता को ऋण प्राप्त करने में कोई असुविधा न हो।
उपायुक्त ने बताया कि हिमाचल प्रदेश की आर्थिकी कृषि प्रधान है और सरकार द्वारा कृषि व्यवस्था को मजबूती प्रदान करने की दिशा में किसानों, बागवानों एवं पशुपालकों को प्रोत्साहित करने के लिये अनेक योजनाएं चलाई गई हैं। उन्होंने बैंकों से आग्रह किया कि वह कृषि क्षेत्र के वित्तीय मामलों को प्राथमिकता देकर शीघ्र पूरा करें ताकि अधिक से अधिक किसानों को योजनाओं का पूरा-पूरा लाभ प्राप्त हो सके। उन्होंने कहा कि जागरूकता के अभाव में किसान स्थानीय समितियों से अधिक ब्याज दरों पर ऋण ले लेते हैं, जिससे उन्हें भारी राशि अदा करनी पड़ती है। उन्होंने बैंक अधिकारियों से आग्रह किया कि वह ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर लोगों को उदार ऋण सुविधा बारे जागरूक करें ताकि किसानों का किसी भी स्थिति में शोषण न हो।
बैठक में महाप्रबन्ध आरबीआई, शिमला के श्री एसके बाल तथा एडी रत्नु मुख्य महाप्रबन्ध नाबार्ड ने बैंकों एवं सरकार द्वारा चलाई गई विभिन्न ऋण योजनाओं के सुचारू कार्यान्वयन पर विस्तृत चर्चा की गई।
इस अवसर पर अतिरिक्त उपायुक्त पी मण्डल, राज्य स्तरीय बैंकर्ज़ समिति के समन्यवयक रिप्पन मुर्गई, एसके जैन, एजीएम यूको बैंक, डीडीएम नाबार्ड देस राज जरयाल के अतिरिक्त अन्य बैंक अधिकारियों ने भाग लिया।