सिरसा : शिरोमणी गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी के चुनाव के लिए वर्ष 2010 में की गई जनगणना के अनुसार मतदाताओं की संख्या में कमी आई है। वर्ष 2004 में राज्य में मतदाताओं की संख्या 314715 थी, जो कि अब 307236 रह गई है। हरियाणा राज्य के हर जिला में सिख मतदाताओं की उपस्थिती दर्ज की गई है। मिली जानकारी अनुसार राज्य के करनाल जिला से 63132, फतेहाबाद जिला से 20625, पंचकुला जिला से 840, भिवानी जिला से 93, महेन्द्रगढ़ जिला से 8716, रिवाडी जिला से 83 मतदाओं की 2010 में बढ़ौत्तरी हुई है-जबकि राज्य के जिला सिरसा से 4713, अम्बाला से 24115, यमुनानगर से 17353, कुरूक्षेत्र से 13528, पानीपत से 4660, सोनीपत से 182, रोहतक से 259, झज्जर से 375, कैथल से 20019, जीन्द से 9576, गुडग़ांव से 490, फरीदाबाद से 4375, हिसार से 158, सिरसा से 6713, मेवात से 486 तथा पलवल से 709 मतदाता कम दर्ज किये गये हैं।
एस जी पी सी चुनावों के लिए निरंतर कम हो रही संख्या के पीछे एस.जी.पी.सी की भले ही कोई दलील जैसे सिरसा तथा अम्बाला का बाढ़ से प्रभावित होना, सिख मदाताओं तक पहुंच न रखने तथा राज्य की अलग सिख गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी इत्यादि, दे रहा हो, मगर हरियाणा राज्य में करीब 16 लाख सिखों की आबादी में से आधी से ज्यादा वोट की हकदार है और फिर भी मतदाताओं की कमी कई प्रकार के प्रश्र चिन्ह अंकित करती है। सिख मतदाताओं की इस घटती संख्या के पीछे क्या एस जी पी सी की चुनाों के प्रति रूची कम होना, हरियाणा के सिखों का पंथ के प्रति आस्था में बदलाव आना या फिर इस बार संपूर्ण सिख के स्वरूप की शर्त को कड़ाई से लागू करना माना जाना उचित रहेगा ।