शिमला: प्रदेशभर में आज 63वां हिमाचल दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस दिवस पर जिला मुख्यालयों, उप-मण्डल स्तर पर कार्यक्रम आयोजित किए। ध्वजारोहण, भव्य मार्च पास्ट तथा सांस्कृतिक कार्यक्रम समारोहों के मुख्य आकर्षण रहे।
राज्य स्तरीय समारोह शिमला जिला के रोहड़ू में आयोजित किया गया, जहां मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल ने ध्वजारोहण किया तथा पुलिस, होमगार्ड एवं एनसीसी द्वारा प्रस्तुत भव्य मार्च पास्ट की सलामी ली। परेड की अगुआई डी.एस.पी. श्री पुनीत रघु ने की।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर सरकार की प्रदेश के विकास की वचनबद्धता को दोहराते हुए इसे एक आदर्श, विकसित एवं आत्मनिर्भर राज्य बनाने की बात कही। उन्होंने कहा कि आम लोगों का कल्याण एवं समाज के सभी वर्गों का सामाजिक-आर्थिक उत्थान भी सुनिश्चित बनाया जाएगा।
प्रो. धूमल ने इस अवसर पर ‘हैप्पी स्माइल डेंचर फार आल’ योजना आरम्भ करने की घोषणा की, जिसके अंतर्गत 65 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों को निःशुल्क ‘डैंचर’ लगाए जायेंगे। यह सेवा प्रदेश के 76 स्वास्थ्य केन्द्रों में उपलब्ध करवाई जाएगी तथा आगामी तीन वर्षों में इस योजना से लगभग 10 हजार वरिष्ठ नागरिक लाभान्वित होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार लोगों को उनके घरद्वार पर बेहतर ईलाज की सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि पांच करोड़ रुपये की लागत से राजकीय आयुर्वेदिक स्नातकोत्तर महाविद्यालय पपरोला में ‘जेरेटिक हैल्थ’ केन्द्र आरम्भ किया जा रहा है।
प्रो. धूमल ने कहा कि प्रदेश के सभी जिलों में राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना आरम्भ की गई है, जिसके अंतर्गत गरीबी की रेखा से नीचे रह रहे सभी परिवारों को 30 हजार रुपये का स्वास्थ्य बीमा कवर प्रदान किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने इस दिशा में एक कदम और आगे बढ़ाकर गम्भीर बीमारी के उपचार के लिए 1 लाख 75 हजार रुपये तक का स्वास्थ्य बीमा कवर प्रदान किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने गत दो वर्षों में 400 से अधिक चिकित्सकों, 605 नर्सों तथा पैरा मेडिकल स्टाफ की नियुक्ति की है तथा उन्हें राज्य के दूर-दराज के क्षेत्रों में तैनात किया गया है ताकि लोगों को उपचार के लिए घरों से दूर न जाना पड़े।
ग्रामीण क्षेत्रों के तीव्र विकास की अपनी सरकार की वचनबद्धता को दोहराते हुए, प्रो. धूमल ने कहा कि राज्य सरकार ने 353 करोड़ रुपये की महत्वाकांक्षी पंडित दीन दयाल किसान-बागवानी समृद्धि योजना आरम्भ की है, जिसके अंतर्गत किसानों को पालीहाउस के निर्माण एवं सूक्ष्म सिंचाई पर 80 प्रतिशत का अनुदान दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष से बी.पी.एल. परिवारों को बांस से बने पालीहाउस पर अनुदान को 90 प्रतिशत तक बढ़ा दिया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष से 85 करोड़ रुपये की लागत से सेब जीर्णोद्धार योजना (एप्पल रिजूविनेशन प्रोजैक्ट) आरम्भ की जा रही है ताकि वर्षों पुराने सेब के पौधों के स्थान पर नए एवं गुणात्मक पौधे रोपित किए जा सके। उन्होंने कहा कि सेब उत्पादकों को लाभान्वित करने के लिए गत वर्ष से सेब को पायल्ट आधार पर फसल बीमा योजना के अंतर्गत लाया गया है।
प्रो. धूमल ने कहा कि सेब जूस एवं अन्य उत्पादों की बिक्री के लिए पंतजली योग पीठ के साथ समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित किया गया है, जिससे राज्य के सेब उत्पादकों को लाभ होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों के तकावी एवं भू-विकास ऋण माफ करने से 4.32 लाख से अधिक किसान लाभान्वित हुए हैं। उन्होंने कहा कि किसानों को 10 लाख रुपये तक के ऋणों पर स्टांप डूयटी माफ की गई है।
प्रदेश में कृषि आर्थिकी में पशु पालन की महत्त्व पर बल देते हुए, प्रो. धूमल ने कहा कि राज्य सरकार ने गत वर्ष से 300 करोड़ रुपये की दूध गंगा योजना आरम्भ की है, जिसके अंतर्गत दुग्ध गतिविधियों के लिए किसानों को तीन लाख रुपये तक के ऋण सस्ती ब्याजदरों पर उपलब्ध करवाये जा रहे हैं, जिससे 50 हजार ग्रामीण लाभान्वित होंगे। उन्होंने मिल्डफैड द्वारा दूध प्रापण मूल्य में एक रुपये की वृद्धि की। इससे पूर्व भी राज्य सरकार द्वारा दूध के खरीद मूल्य में 4 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि पहले ही की जा चुकी है। इस प्रकार वर्तमान कार्यकाल में दुग्ध के प्रापण मूल्य में 5 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि की गई है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री आरोग्य पशुधन योजना के नाम से नई योजना आरम्भ की गई है, जिसके अंतर्गत आगामी तीन वर्षों में 1150 नए पशु औषधालय खोले जायेंगे।
प्रो. धूमल ने कहा कि प्रदेश सरकार ने सामाजिक सेवा क्षेत्र को सर्वोच्च प्राथमिकता प्रदान की है तथा इसके लिए कुल योजना परिव्यय का 36 प्रतिशत खर्च किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने सामाजिक सुरक्षा पैंशन को 200 रुपये से बढ़ाकर 330 रुपये किया है तथा 37 हजार 826 नए पात्र लोगों को यह पैंशन स्वीकृत की गई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 2 लाख 67 हजार पात्र व्यक्तियों को यह पैंशन प्रदान की जा रही है, जिस पर सालाना 110 करोड़ रुपये व्यय किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए इस पैंशन का अधिक से अधिक लोगों को लाभ हो इसकी पात्रता के लिए न्यूनतम आय सीमा को इस वर्ष से 11 हजार रुपये से बढ़ाकर 15 हजार रुपये किया गया है।
प्रो. धूमल ने कहा कि गरीब लोगों के आवास की समस्या का समाधान भी प्राथमिकता के आधार पर किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अटल आवास योजना एवं इंदिरा आवास योजना के अंतर्गत दी जाने वाली वित्तीय सहयता को भी इस वर्ष 38,500 रुपये से बढ़ाकर 48,500 रुपये किया गया है। इससे पूर्व, सरकार ने गत वर्ष इसे 27,500 रुपये से बढ़ाकर 38,500 रुपये किया था। गत दो वर्षों के दौरान इन दोनों योजनाओं के अंतर्गत लगभग 13 हजार आवासों का निर्माण किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विधानसभा चुनावों के दौरान महिला सशक्तिकरण का उन्होंने वायदा किया था तथा कहा कि पंचायत राज संस्थाओं एवं स्थानीय निकायों में महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत पद आरक्षित करने वाला हिमाचल प्रदेश देश का पहला राज्य बना है। इससे विकास प्रक्रिया में महिलाओं के सक्रिया भागीदारी सुनिश्चित हुई है।
प्रो. धूमल ने कहा कि उनकी सरकार स्व-रोजगार, स्वावलम्बन एवं स्वाभिमान के मिशन को ध्यान में रख कर कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि इस उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए संसाधन सृजन एवं रोजगार के अवसर सृजित करने को प्राथमिकता प्रदान की गई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में संसाधन सृजन के लिए उपलब्ध जल विद्युत क्षमता का तीव्र दोहन सुनिश्चित बनाया जा रहा है तथा 12वीं पंचवर्षीय योजना के अंत तक 17,000 मैगावाट ऊर्जा दोहन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि औद्योगिक विकास को भी प्रोत्साहन दिया गया है। उन्होंने कहा कि गत दो वर्षों के दौरान 2061 नई औद्योगिक इकाइयों को स्थापित करने की स्वीकृति प्रदान की गई है, जिनमें 11 हजार करोड़ रुपये का निवेश होगा और रोजगार के 92 हजार अवसर उपलब्ध होंगे।
शिमला जिले में हुए विकास का उल्लेख करते हुए, प्रो. प्रेम कुमार धूमल ने कहा कि प्रदेश के अन्य क्षेत्रों के साथ-साथ जिले में विकास को गति प्रदान की गई है। उन्होंने कहा कि रोहड़ू में इंडोर स्टेडियम के लिए एक करोड़ रुपये तथा आउट डोर स्टेडियम के लिए 4.58 लाख रुपये स्वीकृत किए गए हैं। उन्होंने कहा कि सराहन स्टेडियम के लिए 3.45 लाख तथा कोटखाई स्टेडियम के विस्तार के लिए 20 लाख रुपये स्वीकृत किए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गत वर्ष के दौरान सदियों से कटे डोडरा-क्वार को, सड़क मार्ग से जोड़ा गया। उन्होंने कहा कि ठियोग-हाटकोटी-रोहड़ू मार्ग के सुधार के लिए 238 करोड़ रुपये व्यय किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि खड़ा पत्थर में तीन करोड़ रुपये की लागत से एंटी हेलगन स्थापित की जा रही है। उन्होंने कहा कि प्रगतिनगर में इंजीनियरिंग कालेज आरम्भ करने की सम्भावनाओं का पता लगाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि रोहड़ू-चांशल और रामपुर-सराहन पर्यटन सर्किट के लिए 6.70 करोड़ रुपये तथा जुब्बल-कोटखाई पर्यटन सर्किट के लिए 4.15 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं।
प्रो. धूमल ने प्रदेशवासियों को पारदर्शी एवं जवाबदेही प्रशासन उपलब्ध करवाने तथा जन शिकायतों के तीव्र निपटारे की अपनी वचनबद्धता को दोहराया।
प्रो. धूमल ने ऊना के श्री कृपाल सिंह ठाकुर को ‘हिमाचल गौरव पुरस्कार’ से अलंकृत किया, जिसके लिए उन्हें 21 हजार रुपये नकद, शॉल, टोपी तथा समृति चिन्ह भेंट किया। इसके अतिरिक्त उन्होंने डा. राकेश कपूर लैक्चरर राजकीय महाविद्यालय मण्डी, श्री हेम राज चढ्ढ़ा सहायक कमांडेंट आई.टी.बी.पी. को 51-51 हजार रुपये के ‘प्रेरणा स्रोत पुरस्कार’ प्रदान किए। इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री ने शिमला स्थित गैर सरकारी संस्था आशादीप को 2.50 लाख रुपये का ‘प्ररेणा स्रोत पुरस्कार’ जिसे संस्था के अध्यक्ष श्री सुशील तनवर ने प्राप्त किया। उन्हें स्मृति चिन्ह एवं शॉल भी भेंट किया गया।
राज्य सीआईडी के तकनीकी प्रकोष्ठ को सिविल सेवा पुरस्कार प्रदान किए गए तथा उन्हें 51 हजार रुपये का नकद पुरस्कार प्रदान किया गया। इस प्रकोष्ठ के निरीक्षक श्री मुकेश कुमार, एएसआई श्री ओम प्रकाश, हैडकांस्टेबल श्री धर्मा नंद तथा कांस्टेबल श्री राजेश कुमार एवं राजेन्द्र सिंह को प्रत्येक 10,200 रुपये नकद, स्मृति चिन्ह एवं शॉल तथा टोपी भेंट की गई।
मुख्यमंत्री ने अटल विहारी वाजपेयी पर्वतारोण एवं संबद्ध खेल संस्थान मनाली को बचाव दल पुरस्कार प्रदान किया, जिसके अंतर्गत 51,000 रुपये प्रदान किए गए। दल में प्रशिक्षक सूबेदार अमर प्रकाश, प्रशिक्षक श्री जगत राम तथा गाइड श्री जगत राम शामिल हैं।
मुख्यमंत्री ने डा. राजनीश पठानिया की अध्यक्षता में इंदिरा गांधी मेडिकल कालेज शिमला के 40 सदस्यीय सीटीवीएस दल को मानवता की सेवा में बेहतर योगदान के लिए 2.50 लाख रुपये का नकद पुरस्कार प्रदान किया।
मुख्यमंत्री ने कारावास विभाग के कमांडेट श्री विकास शर्मा को उत्कृष्ठ सेवाओं के लिए राष्ट्रपति पदक से सम्मानित किया। उन्होंने मिल्क फैड की ओर से क्षेत्र के 12 स्थानीय दुग्ध उत्पादक समितियों को 25-25 हजार रुपये के नकद पुरस्कार प्रदान किए तथा विभिन्न शिक्षण संस्थाओं को सम्पूर्ण स्वच्छता कार्यक्रम के अंतर्गत भी पुरस्कार वितरित किए।
इस अवसर पर क्षेत्र के लगभग 40 स्कूलों तथा सांस्कृतिक दलों द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोािजत किया गया। मुख्यमंत्री ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करने वाले दलों को पुरस्कार प्रदान किए।
मुख्यमंत्री ने लालपानी-मथाला सड़क को पूरा करने के लिए 10 लाख रुपये, राजकीय माध्यमिक पाठशाला पारसा को उच्च पाठशाला में तथा राजकीय उच्च पाठशाला रोहल तथा जगोटी को वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला में स्तरोन्नत करने की घोषणा की। उन्होंने स्थानीय कृषि विपणन यार्ड को किसी उपयुक्त स्थान पर स्थानांतरित करने, स्टेडियम के विकास के लिए एक लाख रुपये, रोहड़ में बहुमंजली पार्किंग तथा बैंकयूट हाल तथा बखीरना पुल को प्राथमिकता के आधार पर निर्मित करने की घोषणा की।
बागवानी मंत्री श्री नरेन्द्र बरागटा, सांसद श्री विरेन्द्र कश्यप, विधायक श्री सुरेश भारद्वाज एवं श्री खुशी राम बालनाहटा, हिमुडा के उपाध्यक्ष श्री गणेश दत्त, मिल्क फैड के अध्यक्ष श्री मोहन जोशी, एपीएमसी के अध्यक्ष श्री ज्ञान चन्देल, अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री अवय शुक्ला, पुलिस महानिदेशक श्री जी.एस.गिल, महानिदेशक सर्तकता श्री डी.एस.मिन्हास, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री भीम सेन, सचिव सामान्य प्रशासन श्री अजय भण्डारी, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक श्री आई.डी. भण्डारी, उपायुक्त शिमला श्री जे.एस.राणा, पुलिस अधीक्षक श्री आर.एम. शर्मा, प्रथम आईआरबी बटालियन पण्डोह के कमांडेंट श्री जगत राम, अतिरिक्त पुलिस महानिरीक्षक श्री विनोद धवन, निदेशक सूचना एवं जन सम्पर्क श्री बी.डी. शर्मा, लोक निर्माण विभाग के प्रमुख अभियन्ता श्री एन.सी. शर्मा तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति भी इस अवसर पर उपस्थित थे।