हवाई यात्रा से गोवा पहुंचे चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट

Photo of author

By Hills Post

शिमला: प्रदेश के मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खु की महत्वकांशी  मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना के तहत  जिला शिमला से 22 चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट गोवा हवाई यात्रा करके पहुंच चुके है। जिंदगी में पहली बार चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट  ने हवाई यात्रा की है। सभी चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट ने हवाई यात्रा का खूब आंनद लिया।  असल में 9 जनवरी की सुबह चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट हवाई सफर करने के लिए इंदिरा गांधी इंटरनेशनल के टर्मिनल तीन पर पहुंचे। यहां एयरपोर्ट को देखकर चिल्डन आफ स्टेट की खुशी का ठिकाना नहीं रहा।

एयरपोर्ट पर दौड़ती तेज जिंदगी की रफ़्तार की झलक ने चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट  को जीवन के एक अनोखे अनुभव का एहसास करवाया। इसके बाद बच्चे हवाई जहाज में बैठे और दिल्ली से गोवा पहुंचे।  गोवा में समुद्र के किनारे थ्री स्टार होटल में सभी चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट ठहरे है।

10 जनवरी को गोवा में चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट ने  नार्थ गोवा , कलंगुट और अगुआड़ा किला भ्रमण किया, जोकि 17वीं सदी पुर्तगाली काल का निर्मित है। ये किला राष्ट्रीय महत्व का सम्मारक है। इसे भी चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट निहारा। इसके अलावा  अजुंना बीच और अन्य ऐतिहासिक स्थानों का भी भ्रमण किया।  11 जनवरी को साउथ गोवा में  चर्च का भ्रमण किया और इसके एतिहासिक महत्व का जाना। मंगेशी मंदिर जोकि सैंकड़ो वर्ष पुराना है। यहां पर भी चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट ने भ्रमण किया । इसके अलावा वर्का बीच और अन्य ऐतिहासिक स्थल भी घूमे और खूब आंनद किया।

Demo ---
childern of the state

चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट  ने गोवा में क्रूज राइड का खूब आंनद लिया। चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट  12 जनवरी को पणजी शहर, मीरामार बीच और डोना पाउला बीच पर चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट भ्रमण करेंगे। 13 जनवरी को कलंगुट बाजार, और राष्ट्रीय समुद्र विज्ञान संस्थान में घूमेंगे। 14 जनवरी को सुबह साढ़े दस बजे गोवा से चंडीगढ़ तक वापिस हवाई यात्रा के माध्यम से पहुंचेगे।

चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट जिन भी स्थानों पर जा रहे है। उनकी स्मृतियों को फोटो वीडियो के माध्यम से सहेजा जा रहा है। ताकि भविष्य में चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट इन पलों को याद कर सके। मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना के तहत चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट की सार्थकता फलीभूत हो रही है।

Photo of author

Hills Post

हम उन लोगों और विषयों के बारे में लिखने और आवाज़ बुलंद करने का प्रयास करते हैं जिन्हे मुख्यधारा के मीडिया में कम प्राथमिकता मिलती है ।