हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने 53,413 करोड़ का बजट पेश किया

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शिमला: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शुक्रवार के दिन विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए 53 हजार 413 करोड़ रुपये का बजट पेश किया। यह बजट पिछले वर्ष की तुलना में दो हज़ार करोड़ अधिक है। मुख्यमंत्री सुक्खू ने अपने पहले बजट में कोई भी नया कर नहीं लगाया है।

cm sukhu budget

विधानसभा में मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2023-24 में राजस्व प्राप्तियां 37,999 करोड़ रहने का अनुमान है, जबकि राजस्व व्यय 42,704 करोड़ रूपये अनुमानित है। इस प्रकार कुल राजस्व घाटा 4,704 करोड़ रुपये अनुमानित है। बजट में राजकोषीय घाटा 9,900 करोड़ रुपये अनुमानित है, जो कि प्रदेश सकल घरेलू उत्पाद का 4.61 प्रतिशत है।

31 मार्च, 2026 तक हिमाचल प्रदेश का Green Energy State के रूप में विकसित करने का लक्ष्य रखा गया है | पर्यटन विकास को प्राथमिकता दी जाएगी | विश्व स्तर की तकनीक के माध्यम से स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार होगा |
बजट के अनुसार प्रति सौ रुपये में से वेतन पर 26 रुपये, पेंशन पर 16 रुपये, ब्याज अदायगी पर 10 रुपये, ऋण अदायगी पर 10 रुपये, स्वायत संस्थानों के लिए ग्रांट पर नौ रुपए, जबकि शेष 29 रुपये विकास व अन्य कार्यों पर खर्च किए जाएंगे।

सुक्खू ने बताया कि वर्ष 2022-23 के संशोधित अनुमानों के अनुसार कुल राजस्व प्राप्तियां 38,915 करोड़ रुपये हैं जबकि राजस्व व्यय 45,115 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। वहीं राजस्व घाटा 6,170 करोड़ अनुमानित है। मुख्यमंत्री ने अपने सवा दो घंटे के लंबे बजट भाषण में करीब एक दर्जन नई योजनाओं की घोषणाएं की है।

घोषणाएं

राजीव गांधी गवर्नमेंट मॉडल डे-बोर्डिंग स्कूल
मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना
मुख्यमंत्री विधवा एवं एकल नारी आवास योजना
मुख्यमंत्री विद्यार्थी प्रोत्साहन योजना
मुख्यमंत्री सुरक्षित बचपन अभियान
कृषि विकास हेतु ‘हिम उन्नति’
दुग्ध क्षेत्र के विस्तार के लिए ‘हिम-गंगा’
मुख्यमंत्री लघु दुकानदार कल्याण योजना
मुख्यमंत्री ग्रीन कवर मिशन
मुख्यमंत्री सड़क एवम् रख-रखाव योजना
राजीव गांधी स्वरोज़गार योजना
सद्भावना योजना – 2023
मुख्यमंत्री रोज़गार संकल्प सेवा
सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बजट में आगामी वित्त वर्ष के दौरान विभिन्न सरकारी विभागों में 25 हजार पदों को भरने का लक्ष्य रखा है, जिससे प्रदेश में युवाओं के लिए रोजगार के द्वार खुलेंगे।

विधायक ऐच्छिक निधि में बढ़ोत्तरी

मुख्यमंत्री ने कहा कि विधायक ऐच्छिक निधि को 12 लाख से बढ़ाकर 13 लाख प्रति विस क्षेत्र बढ़ाया है। इसके अलावा विधायक क्षेत्र विकास निधि की राशि को दो करोड़ से बढ़ाकर 2 करोड़ 10 लाख रुपये प्रति विधानसभा किया है।

मुख्यमंत्री सुक्खू ने आईटी शिक्षकों (IT teachers) के मानदेय में दो हज़ार प्रति माह और एसएमसी शिक्षकों (SMC Teachers) के मानदेय में 500 रुपये प्रति माह की बढ़ोतरी की घोषणा भी की है। इसके अतिरिक्त आशा वर्कर, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आंगनबाडी सहायिका, सिलाई अध्यापिका, पंचायत चौकीदार, राजस्व चौकीदार व मिड डे मील वर्कर, नम्बरदार, जलगार्ड, पैरा फिटर, पम्प ऑपरेटर के मानदेय में 500 रुपये प्रतिमाह की वृद्धि हुई है। दिहाड़ी को 25 रुपये बढ़ाया गया है। अब दिहाड़ी 375 रुपये हो गई है। प्रदेश में बिकने वाली शराब पर प्रति बोतल 10 रुपये दूध सेस लगाया जाएगा। जिससे प्रतिवर्ष लगभग 100 करोड़ रूपये की प्राप्ति होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस धनराशि का उपयोग दुग्ध उत्पादन बढ़ाकर दूध उत्पादकों की आय में वृद्धि के लिए किया जाएगा।

हिमाचल को ग्रीन स्टेट बनाने के लिए बड़े ऐलान

वितीय वर्ष 2023-24 के बजट भाषण में मुख्यमंत्री कई नई योजनाएं लेकर आए हैं। हिमाचल को ग्रीन स्टेट बनाने के लिए सुक्खू ने कई बड़े ऐलान किए। मुख्यमंत्री ने हिमाचल को अगले तीन वर्षों में ग्रीन स्टेट बनाने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने 18 साल से अधिक आयु की छात्राओं को इलेक्ट्रिक स्कूटी खरीदने पर 25 हजार की सब्सिडी देने की घोषणा की गई है। इससे राज्य की 20 हजार मेधावी छात्राएं लाभांवित होंगी। बजट भाषण में मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमालय को ग्रीन स्टेट बनाने के लिए ग्रीन हाइड्रोजन पॉलिसी बनाई जाएगी।

उन्होंने कहा कि राज्य में निजी ई-बस और ई-ट्रक खरीदने पर 50 प्रतिशत सब्सिडी दी जाएगी। ई-वाहन क्षेत्र में हिमाचल के युवाओं को प्रोत्साहित किया जाएगा। प्राइवेट बस ऑपरेटरों को ई-बस खरीद के लिए अधिकतम 50 लाख की सब्सिडी दी जाएगी। इसके अलावा निजी टैक्सी चालकों को उनकी डीजल टैक्सियों को ई-टैक्सी में बदलने पर 50 फीसदी सब्सिडी दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने एचआरटीसी की 1500 डीजल बसों को ई-बसों में तबदील करने की भी घोषणा की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि परवाणू-नालागढ़-ऊना, हमीरपुर-अंब-नूरपूर, पांवटा-नाहन-शिमला, शिमला-बिलासपुर हमीरपुर-चंबा, मंडी-पठानकोट, मनाली-केलोंग नेशनल हाईवे को ग्रीन कौरिडेर के तौर पर विकसित किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सोलर प्रोजेक्ट लगाने पर युवाओं को 40 प्रतिशत सब्सिडी दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने हिमाचल के सभी जिलों को 1 साल के भीतर हेलीपोर्ट की सुविधा से जोड़ने का ऐलान किया है। उन्होंने कांगड़ा जिला को पर्यटन राजधानी बनाने की भी घोषणा की है। इसके लिए विस्तृत कार्ययोजना बनाई जाएगी। उन्होंने कहा कि कांगड़ा के वनखंडी में 300 करोड़ की लागत से चिड़ियाघर का निर्माण होगा। इस चिड़ियाघर के लिए वितीय वर्ष 2023-24 में 60 करोड़ के बजट का प्रावधान किया गया है। मुख्यमंत्री ने प्रदेश के सभी मेडिकल कालेजों के केजुअल्टी विभाग को अपग्रेड कर इमरजेंसी मेडिसन डिपाटमेंट बनाने की घोषणा की है। इनमें डाक्टरों व नसों की संख्या बढ़ाई जाएगी। मुख्यमंत्री ने सभी मेडिकल कालेज में पैट स्कैन मशीनें स्थापित करने के लिए 50 करोड़ के बजट प्रावधान का भी ऐलान किया है।

मनरेगा की दिहाड़ी बढ़ी

बजट भाषण में मुख्यमंत्री ने मनरेगा दिहाड़ी को 212 रूपये से बढ़ाकर 240 रूपये करने की घोषणा की है। जनजातीय क्षेत्रों में मनरेगा दिहाड़ी को 266 रूपये से बढाकर 294 रूपये किया गया है।

मानेदय में बढ़ोतरी

मुख्यमंत्री ने नगर निकायों व ग्राम पंचायतों के प्रतिनिधियों के मानेदय में बढ़ोतरी का ऐलान किया है। जिला परिषद अध्यक्ष व उपाध्यक्ष का मानदेय 5 हजार और सदस्य का मानदेय 500 रूपये बढ़ाया गया है। बीडीसी अध्यक्ष, उपाध्यक्ष व सदस्य के मानदेय में 500 रूपये की बढ़ोतरी हुई है। ग्राम पंचायत प्रधान व उपप्रधान के मानदेय में 500 और वार्ड मेंबर के मानदेय में 200 रूपये बढ़ाया है। नगर निगम महापौर और उपमहापौर के मानदेय में 5 हजार की वृद्धि की गई है। जबकि नगर निगम पार्षद का प्रति माह मानदेय 500 रुपये बढ़ा है इसी तरह नगर परिषद के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष व नगर परिषद पार्षद को मिलने वाला मानेदय 500 रूपये बढ़ाया है। नगर पंचायत प्रधान, उप प्रधान व सदस्य का मानदेय भी 500 रुपये बढ़ाया है।

गारंटी को कार्यान्वित करने के लिए 2.31 लाख महिलाओं को 416 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष के व्यय से 1,500 रुपये प्रतिमाह की दर से मासिक पेंशन दी जाएगी।
अनाथ, अर्ध-अनाथ और विशेष रूप से विकलांग बच्चों, निराश्रित महिलाओं और बुजुर्ग व्यक्तियों के लिए “मुख्य मन्त्री सुख-आश्रय योजना” । इस योजना के अंतर्गत लाभान्वित होने वाले 27 वर्ष की आयु तक के अनाथ बच्चे / व्यक्ति ‘Children of State’ कहलाएंगे तथा इनके लिए “सरकार ही माता निभाएगी। सरकार ही पिता” का दायित्व
18 से 27 वर्ष की आयु वर्ग के अनाथ व्यक्तियों को शिक्षा, छात्रावास, व्यवसायिक प्रशिक्षण व कौशल विकास का व्यय राज्य सरकार द्वारा वहन।
युवाओं को प्रदेश, देश व अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर रोज़गार अवसर प्रदान करने के लिए “मुख्य मन्त्री रोजगार संकल्प सेवा” योजना।
विधवाओं एवम् दिव्यांगजनों को पेंशन पाने के लिए आय सीमा समाप्त।
दिव्यांगजन “राहत भत्ता योजना” के तहत 9,000 नए लाभार्थियों को लाभ ।
सामाजिक सुरक्षा पेंशन के अन्तर्गत 40 हज़ार नए पेंशन मामले ।
7,000 विधवाओं और एकल नारियों को घर बनाने के लिए एक नई योजना “मुख्यमंत्री विधवा एवं एकल नारी आवास योजना” ।
गरीब बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए “मुख्यमंत्री विद्यार्थी प्रोत्साहन योजना” के अन्तर्गत ऋण के ब्याज पर उपदान।
20 हज़ार मेधावी छात्राओं को Electric Scooty पर 25 हज़ार रुपये तक का उपदान ।