शिमला: मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार मादक पदार्थों के दुरुपयोग के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए स्कूली पाठ्यक्रम में एक अध्याय शामिल करने जा रही है। मुख्यमंत्री ने मादक पदार्थों के दुरुपयोग और अवैध तस्करी के विरुद्ध आज यहां अंतरराष्ट्रीय दिवस के अवसर पर आयोजित समारोह की अध्यक्षता करते हुए समाज के हर वर्ग से हिमाचल प्रदेश को नशा मुक्त राज्य बनाने के लिए मादक पदार्थों के दुरुपयोग के खिलाफ अभियान का हिस्सा बनने का आग्रह किया।

उन्होंने कहा कि हमारे युवा देश का भविष्य हैं और एक समृद्ध भारत का सपना तभी साकार हो सकता है, जब युवा स्वस्थ, सशक्त एवं ऊर्जावान हों। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने मादक पदार्थों के दुरुपयोग और तस्करी के विरुद्ध जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है और नशा तस्करी में संलिप्त लोगों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देवभूमि में नशे के लिए कोई भी स्थान नहीं है। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे खुद को नशे से दूर रखें और अपने साथियों को भी इस विनाशकारी रास्ते पर जाने से रोकंे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार नशा तस्करी से जुड़े नेटवर्क को जड़ से समाप्त करने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। नशा मुक्ति से उबर रहे लोगों को रोज़गार और उनका कौशल उन्नयन कर उन्हें मुख्य धारा से जोड़ा जा रहा है। इसी उद्देश्य से सिरमौर ज़िला के कोटला-बड़ोग में 5.34 करोड़ रुपये की लागत से 100 बिस्तर क्षमता का आधुनिक नशा मुक्ति केन्द्र स्थापित किया जा रहा है जिसका निर्माण कार्य आरंभ कर दिया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार का लक्ष्य प्रत्येक ज़िला में नशा मुक्ति केन्द्र स्थापित करना है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने सत्ता संभालने के उपरांत वर्ष 2023 में पीआईटी-एंडीपीएस एक्ट लागू किया है, जिसे पूर्व भाजपा सरकार पूरे पांच वर्षों में लागू करने में असमर्थ रही।
ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने उपस्थित लोगों को नशे के विरुद्ध शपथ दिलाई तथा राज्य में नशा निवारण के प्रति उत्कृष्ट कार्यों के लिए विभिन्न संस्थाओं और व्यक्तियों को सम्मानित किया। इनमें ज़िला कुल्लू के भुंतर नशा मुक्ति केन्द्र के डॉ. सत्याव्रत वैद्य, ज़िला कांगड़ा के बज़ीर राम सिंह राजकीय महाविद्यालय देहरी के प्राचार्य प्रो. सचिन कुमार, ज़िला सिरमौर कलगीधर ट्रस्ट बडू साहिब, एक पहल वेल्फेयर सोसायटी बिलासपुर, गुंजन ऑर्गेनाईज़ेशन फॉर कॉम्यूनिटी डवेल्पमेंट ज़िला ऊना, ज़िला सोलन के पुलिस अधीक्षक गौरव सिंह, जय बाबा कमलाहिया अराधना ज़िला हमीरपुर, ज़िला शिमला के चौपाल की मानव कल्याण सेवा समिति कराई, ज़िला शिमला के रोहड़ू के चिड़गांव के एन्टी ड्रग फोर्स के अध्यक्ष नरेन्द्र चौहान, प्रजापिता ब्रह्मा कुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय ज़िला मंडी और ज़िला कुल्लू के विकास खंड निरमंड की ग्राम पंचायत जगातखाना शामिल हैं।
इस अवसर पर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल ने कहा कि नशीली दवाओं के दुरुपयोग के विरुद्ध लड़ाई में और प्रयास करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि यह अभियान आज़ादी की लड़ाई जैसा जन आंदोलन बनाने के लिए प्रत्येक व्यक्ति को सक्रिय रूप से भाग लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि नशा तस्कर समाज के दुश्मन हैं, जो देश के भविष्य को अंधकार में धकेल रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू के नेतृत्व में वर्तमान राज्य सरकार नशे के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रही है। इस दिशा में बहुआयामी प्रयास किए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि युवाओं को नशे के जाल में फंसने से बचाने के लिए संस्कार और अनुशासन घर से ही शुरू होना चाहिए। उन्होंने अभिभावकों और शिक्षकों से बच्चों से नियमित संवाद बनाए रखने और उन्हें खेलों और अन्य रचनात्मक गतिविधियों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करने का आह्वान किया।
विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों ने भी नशीली दवाओं के दुरुपयोग के हानिकारक प्रभावों और रोकथाम के उपायों पर विस्तार से चर्चा की।
शिमला ज़िला के कोटशेरा स्थित राजकीय डिग्री कॉलेज के विद्यार्थियों ने नशे जैसे गंभीर मुद्दे पर जागरूकता लाने के लिए एक नाटक प्रस्तुत किया।
विधायक संजय अवस्थी, मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार सुनील शर्मा, नगर निगम शिमला के महापौर सुरेन्द्र चौहान, पार्षदगण, सचिव एम. सुधा देवी, राखिल काहलों और आशीष सिंघमार, राज्य कर एवं कराधान आयुक्त डॉ. यूनुस और एडीजीपी सीआईडी ज्ञानेश्वर सिंह, निदेशक ईएसओएमएसए सुमित खिमटा और अन्य गणमान्य भी इस अवसर पर उपस्थित थे।