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हिमाचल के हर ज़िला में एक महाविद्यालय को ‘‘सेंटर ऑफ एक्सीलेंस’’ बनाया जाएगा: धीमान

नाहन: शिक्षा मंत्री ईश्वर दास धीमान ने बताया कि प्रदेश के हर ज़िला में एक महाविद्यालय को ‘‘सेंटर ऑफ एक्सीलेंस’’ बनाया जाएगा। जहां विद्यार्थियों को न केवल हर प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध होगी बल्कि उन्हें हर विषय पढ़ाया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस समय प्रदेश में केवल एक सेंटर आफ एक्सीलैंस शिमला में कार्यरत है। शिक्षा मंत्री शुक्रवार को पांवटा साहिब में लगभग साढे चार करोड़ रूपये की लागत से निर्मित राजकीय महाविद्यालय भवन का उदघाटन करने के पश्चात एक जनसभा को सम्बोधित कर रहे थे।

श्री धीमान ने बताया कि प्रदेश सरकार शिक्षा में गुणवत्ता लाने के हर संभव प्रयास कर रही है तथा शिक्षा के क्षेत्र को सुदृढ़ करने के लिए राज्य के बजट का 17 प्रतिशत केवल शिक्षा पर व्यय कर रही है । उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार इस वर्ष 2567 करोड़ रूपये शिक्षा पर व्यय कर रही है। उन्होंने बताया कि शिक्षा में गुणवत्ता लाने के दृष्टिगत इस क्षेत्र में अधोसंरचना को सुदृढ़ किया जा रहा है ताकि विद्यार्थियों को बेहतर शिक्षा के साथ-साथ बेहतर सुविधाएं भी उपलब्ध हो सके। उन्होंने बताया कि इसी के दृष्टिगत सभी विद्यालयों में मूलभूत ढांचे को सुदृढ़ करने के लिए अधिक से अधिक बजट का प्रावधान किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इसी वर्ष प्रदेश सरकार ने मूलभूत ढांचे को सुदृढ़ करने के लिए 140 करोड़ का प्रावधान किया गया है।

उन्होंने बताया कि ज़िला सिरमौर में 50 उच्च व वरिष्ठ माध्यमिक पाठशालाओं के अपने भवनों के निर्माण के लिए वर्ष 2009-10 में लगभग 1.73 करोड़ रूपये आवंटित किए गए थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा शिक्षा के विस्तार के साथ-साथ गुणात्मक शिक्षा पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा हाल ही में 557 आर्टस टीजीटी तथा 484 प्रवक्ताओं की नियुक्ति की जा चुकी है ताकि प्रदेश में विद्यार्थियों को अच्छी शिक्षा उपलब्ध हो सके। उन्होंने बताया कि शिक्षण संस्थानों में अध्यापकों की कमी न हो इसके दृष्टिगत सरकार ने अभी तक शिक्षा विभाग में 13 हजार नियुक्तियां की जा चुकी है तथा पांच हजार और नियुक्तियां करने के लिए प्रक्रिया जारी है। उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश शिक्षा के क्षेत्र में राष्ट्र स्तर पर भी अग्रणी बन कर उभरा है तथा इस क्षेत्र में प्रदेश सरकार के प्रयासों के फलस्वरूप राज्य में शिक्षा की ड्रॉप आउट दर एक प्रतिशत है जबकि राष्ट्र स्तर पर 23 प्रतिशत है तथा राज्य में शिक्षक-छात्र अनुपात 1-15 है जबकि राष्ट्र स्तर पर 1-23 है।

शिक्षा मंत्री ने कहा कि पांवटा साहिब के महाविद्यालय में प्रशासनिक भवन के निर्माण के लिए दो करोड़ रूपये स्वीकृत किए जा चुके हैं तथा उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि इस भवन पर कार्य शीघ्र आरम्भ करें । उन्होंने महाविद्यालय भवन में फर्नीचर के लिए पांच लाख रूपये तथा प्रयोगशाला में उपकरणों के लिए पांच लाख रूपये देने की घोषणा की। उन्होंने पांवटा साहिब में सामुदायिक भवन के लिए सात लाख रूपये देने की भी घोषणा की। उन्होंने कहा कि पांवटा साहिब महाविद्यालय भवन के निर्माण से यहां पढ़ने वाले 1200 विद्यार्थी लाभान्वित होंगे। उन्होंने बताया कि इस भवन में छः लैक्चर हॉल, छः प्रयोगशालाएं, एक लाईब्रेरी, एक कम्प्यूटर कक्ष, एक बॉयो लैब तथा एक बोटनी लैब की सुविधा भी होगी। उन्होंने अपनी ऐच्छिक निधि से पांवटा साहिब महाविद्यालय के पांच हजार रूपये देने की घोषणा की। श्री धीमान ने बताया कि ज़िला सिरमौर में विभिन्न छात्रवृति योजनाओं के तहत वर्ष 2009-10 में 4909 मेधावी विद्यार्थियों को लगभग 49 लाख रूपये की छात्रवृतियां वितरित की गई थीं। चौधरी सुखराम ने कहा कि युवा ही राष्ट्र का भविष्य है तथा युवाशक्ति को राष्ट्र निर्माण गतिविधियों में जोड़कर उनका कल्याण सुनिश्चित बनाने के लिए अनेकों योजनाएं क्रियान्वित की जा रही है। प्राचार्य जे.एस वर्मा ने महाविद्यालय की गतिविधियों की जानकारी दी। इस मौके पर उपायुक्त सिरमौर पदम सिंह चौहान, भाजपा ज़िला अध्यक्ष बलदेव तोमर, उपमण्डलाधिकारी मनमोहन शर्मा, स्थानीय भाजपा नेता तथा विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।