शिमला: हिमाचल प्रदेश के मौसम ने एक बार फिर करवट ली है। पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता के चलते प्रदेश के मध्य और उच्च पर्वतीय सात जिलों में आज से अगले दो दिनों तक बारिश और बर्फबारी की संभावना जताई गई है। राजधानी शिमला सहित अन्य कई हिस्सों में आज हल्की धूप के साथ बादलों की लुकाछिपी जारी है, जिसके चलते अधिकतम तापमान में गिरावट दर्ज की गई है। दूसरी ओर, मैदानी इलाकों विशेषकर नाहन और ऊना में सुबह के समय घने कोहरे की चादर छाई रही। कोहरे के कारण दृश्यता (विजिबिलिटी) काफी कम रही, जिससे वाहन चालकों को आवागमन में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा और वाहनों की रफ्तार थम गई।

मौसम विज्ञान केंद्र शिमला द्वारा जारी पूर्वानुमान के अनुसार, 20 और 21 दिसंबर को किन्नौर, लाहौल-स्पीति, चंबा, कांगड़ा, कुल्लू, मंडी और शिमला के कई क्षेत्रों में मौसम खराब रहने और बारिश-बर्फबारी होने के आसार हैं। विभाग के अनुसार 22 से 26 दिसंबर तक पूरे प्रदेश में मौसम के साफ रहने की उम्मीद है। हालांकि, धुंध और कोहरे का प्रकोप जारी रहेगा। मौसम विभाग ने 23 और 24 दिसंबर के लिए बिलासपुर के भाखड़ा बांध जलाशय क्षेत्र और मंडी की बल्ह घाटी के आसपास के हिस्सों में सुबह और देर रात के समय घने कोहरे का ‘येलो अलर्ट’ जारी किया है, जिससे लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हो रही हल्की बर्फबारी के बाद समूचे प्रदेश में ठंड का प्रकोप बढ़ गया है, विशेषकर कुल्लू और लाहौल-स्पीति में शीतलहर तेज हो गई है। गिरते तापमान और कड़ाके की ठंड ने पहाड़ के जनजीवन को कठिन बना दिया है। पहाड़ों पर बदलती परिस्थितियों को देखते हुए गद्दी समुदाय ने अब अपनी भेड़-बकरियों के साथ निचले और मैदानी इलाकों की ओर रुख करना शुरू कर दिया है। सर्दियों के इस मौसम में ऊपरी क्षेत्रों में बर्फबारी और चारे की कमी के कारण गद्दी समुदाय का यह मौसमी प्रवास अब तेज हो गया है ताकि वे अपने मवेशियों को सुरक्षित रख सकें।