शिमला: हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार के दो वरिष्ठ मंत्रियों ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा पर बड़ा सियासी हमला बोला है। जनजातीय विकास मंत्री जगत सिंह नेगी और पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने शनिवार को कहा कि जेपी नड्डा आज केंद्र में इतने बड़े और ताकतवर पद पर हैं कि वे आसानी से हिमाचल की मदद कर सकते हैं। लेकिन दुख की बात है कि वे अपने ही गृह राज्य के हितों की आवाज को केंद्र के सामने मजबूती से नहीं उठा रहे हैं।

वादे के बावजूद नहीं आया पैसा
दोनों मंत्रियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा की याद दिलाते हुए कहा कि पीएम ने आपदा प्रभावितों के लिए 1500 करोड़ रुपये के पैकेज का एलान किया था। कई महीने बीत चुके हैं, लेकिन हिमाचल को यह राशि आज तक नसीब नहीं हुई। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) का 9,200 करोड़ रुपये भी रोक रखा है।
कर्ज की सीमा घटाने से आर्थिक चोट
मंत्रियों ने प्रदेश की खराब आर्थिक सेहत के लिए केंद्र की नीतियों को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने बताया कि ओपीएस (OPS) लागू करने के बाद केंद्र ने सजा के तौर पर राज्य की लोन लेने की सीमा (उधारी सीमा) में 1,600 करोड़ रुपये की कटौती कर दी। इससे पिछले तीन सालों में हिमाचल को 4,800 करोड़ रुपये का सीधा नुकसान हुआ है।
आंकड़े पेश करते हुए उन्होंने कहा कि साल 2021-22 में राज्य की ऋण सीमा 10,949 करोड़ रुपये थी, जो 2025-26 के लिए घटाकर सिर्फ 3,257 करोड़ रुपये कर दी गई है। हालत यह है कि जो थोड़ा बहुत कर्ज मिल रहा है, वह पुराने कर्ज का ब्याज चुकाने में ही खत्म हो जाता है।
10 हजार करोड़ का अब भी इंतजार
मंत्रियों ने बताया कि 2023 की मानसून आपदा के दौरान केंद्रीय टीम ने खुद माना था कि हिमाचल में 9,000 से 9,500 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। राज्य सरकार ने नियमों के तहत 9,042 करोड़ रुपये का दावा पेश किया था। हिमाचल आज भी इस राशि और घोषित पैकेज का इंतजार कर रहा है। मंत्रियों ने कहा कि केंद्र की बेरुखी के बावजूद राज्य सरकार ने अपने संसाधनों से प्रभावितों को 4,500 करोड़ रुपये का पैकेज दिया।
दोनों मंत्रियों ने जेपी नड्डा से अपील की है कि वे हिमाचल का बेटा होने के नाते दखल दें और राज्य का रुका हुआ पैसा जारी करवाएं।