नाहन: हिमाचल निर्माता डा0 यशवन्त सिंह परमार की 105वीं जयन्ती वीरवार को डा0 वाईएस परमार मैमोरियल राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला बागथन में मनाई गई। इस अवसर पर मुख्यातिथि उपायुक्त सिरमौर मीरा मोहन्ती ने डॉ0 यशवस्त सिंह परमार की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि डा0 परमार सादगी के प्रतीक थे वह ईमानदार और स्वच्छ छवि की शखसियत थे। आज हिमाचल विकास की जिस बुलन्दी पर पहुंचा है उसका श्रेय डा0 परमार की दूरगामी सोच को जाता है। उन्होंने कहा कि डा0 परमार जिस भी कार्य को करने की ठान लेते थे उसे पूरा करते थे। वह बागवानों और किसानों के हितेषी थे। उन्होंने कहा कि हमें डा0 परमार के पदचिन्हों पर चलते हुए उनके प्रदेश को स्वावलम्बी बनाने के सपने को साकार करना हमारा कर्तव्य है।
उन्होंने पाठशाला की मूलभूत समस्याओं को शीघ्र निराकरण का आश्वासन दिया। उन्होंने स्थानीय पाठशाला के परीक्षा हॉल के लिए खण्ड विकास अधिकारी पच्छाद को प्राकलन तैयार करने के आदेश दिए। उपायुक्त ने स्थानीय पाठशाला के अच्छे परीक्षा परिणाम आने पर स्कूल प्रशासन को बधाई दी। इस अवसर पर स्थानीय पाठशाला के बच्चों ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया तथा डा0 परमार के चरित्र पर प्रकाश डाला। उन्होंने पाठशाला के मेधावी तथा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करने पर विद्यार्थियों को पुरस्कृत किया। उपायुक्त ने डा0 परमार के पौत्र आनन्द परमार को इस अवसर पर सम्मानित किया गया। उधर ज़िला मुख्यालय नाहन में अतिरिक्त उपायुक्त लोकेन्द्र चौहान ने नाहन की यशवन्त चौक पर स्थापित की गई प्रतिमा पर माल्यार्पण किया।
इस अवसर पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि डा0 वाईएस परमार के सपनों को साकार करने के लिए हमें उनके बताए गए रास्ते पर चलकर हिमाचल प्रदेश को एक आदर्श राज्य स्थापित करने के लिए सभी को मिल-जुलकर प्रयास करने होंगे। इस अवसर पर एसडीएम हिमीश नेगी, सहायक आयुक्त टीडी भारद्वाज, ऑल हिमाचल मुस्लिम वेलफेयर सोसायटी के अध्यक्ष नसीम मोहम्मद दीदान के अलावा अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।