हिमाचल प्रदेश के सभी रोज़गार कार्यालय होंगे ऑनलाइन: कपूर

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धर्मशाला: प्रदेश के सभी रोज़गार कार्यालयों को इस वर्ष के अंत तक ऑनलाइन कर दिया जाएगा, जिसमें कुल 67 रोज़गार कार्यालयों में से 40 कार्यालयों में प्रथम चरण में ऑन-लाइन करने का कार्य प्रगति पर है।

यह जानकारी उद्योग, श्रम एवं रोज़गार मंत्री श्री किशन कपूर ने आज यहां मिनी सचिवालय में लगाये गये खुले दरबार के दौरान दी। उन्होंने कहा कि रोज़गार कार्यालयों के ऑन-लाइन होने से बेरोज़गार युवा घर बैठे अपना पंजीकरण करवा सकते हैं। इसके अतिरिक्त रिक्त पदों की सूचना, आवेदन पत्र प्रस्तुत करने, वरिष्ठता सूची, रोज़गार पंजीकरण अवधि की समाप्ति इत्यादि के बारे में जानकारी घर बैठे ही इंटरनेट के माध्यम से हासिल कर सकते हैं।

उद्योग मंत्री ने जानकारी दी कि सरकार द्वारा राज्य में 651 करोड़ रूपये के निवेश से छः नई औद्योगिक इकाइयांे स्थापित करने के लिये अस्थाई स्वीकृति प्रदान कर दी गई है, जिससे 1581 बेरोज़गार युवाओं को रोज़गार के अवसर प्राप्त होंगे। उन्होंने बताया कि 79.74 करोड़ रूपये के निवेश से जैन इरिगेशन सिस्टम लिमिटेड द्वारा आधुनिक सिंचाई सुविधा प्रणाली, टपक सिंचाई प्रणाली, फव्वारा सिंचाई प्रणाली इत्यादि के लिये मशीनें एवं उपकरणों की स्थापना शामिल है और इससे 721 व्यक्तियों को रोज़गार भी प्राप्त होगा। इसके अतिरिक्त 22 करोड़ रूपये के निवेश से इकोलॉजिक बिल्डिंग स्सिटमस्, 63.13 करोड़ रूपये कालका-शिमला उच्च मार्ग पर पर्यटन रिजॉर्ट एवं हैल्थ फार्म स्थापित करना शामिल हैं।

उन्होंने कहा कि प्रथम अप्रैल, 2010 केन्द्र द्वारा औद्योगिक पैकेज़ की अवधि को समाप्त कर देने के बावजूद भी प्रदेश में औद्योगिक घरानों द्वारा औद्योगिक इकाइयां स्थापित करने के लिये आवेदन किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांगड़ा जिला में गत वर्षों के दौरान 90 करोड़ रूपये के पूंजी निवेश से लघु एवं मध्यम 272 औद्योगिक इकाइयां स्थापित हुई हैं, जिसमें 1633 लोगों को रोज़गार मिला है, जिसमें 1476 हिमाचली युवा हैं।

इस अवसर पर मंदल और कनेड गांव का एक प्रतिनिधिमण्डल ने पेयजल की समस्या को लेकर उद्योग मंत्री से भेंट की। जिस पर उन्होंने सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग को शीघ्र कार्यवाही करने के निर्देश दिये। इसके अतिरिक्त श्री चामुण्डा नन्दिकेश्वर धाम, व्यापार मण्डल के एक प्रतिनिधिमण्डल ने भी उद्योग मंत्री से अपनी मांगों को लेकर भंेट की, जिसपर मंत्री द्वारा उनकी मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने का आश्वासन दिया।