शिमला: निदेशक कृषि डॉ. जे.सी राणा ने आज यहां कहा कि केन्द्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय प्रदेश को नेशनल फर्टिलाईज़र लिमिटिड से जुलाई माह में 6 हजार मी.टन अतिरिक्त यूरिया खाद अतिरिक्त आबंटित करने पर सहमत हो गया है। भारत सरकार के उपक्रम नेशनल फर्टिलाईज़र लिमिटिड द्वारा यूरिया खाद की कम आपूर्ति करने के कारण यह मामला प्रदेश सरकार द्वारा बार-बार केन्द्र सरकार से उठाया गया।
डॉ. जे.एस. राणा ने बताया कि वर्तमान खरीफ सीजन में जुलाई माह तक यूरिया की 30000 मी.टन की मांग भारत सरकार को फरवरी 2010 में भेजी गई थी। इफको तथा नेशनल फर्टिलाईज़र लिमिटिड ने 17500 मी.टन आबंटन के बजाए 11000 मी. टन की आपूर्ति ही की है, जबकि इफको द्वारा आबंटित 15000 मी.टन के मुकाबले 13000 मी. टन की ही आपूर्ति की गई है। इस प्रकार अब तक 26000 मी.टन यूरिया खाद प्रदेश में आ चुकी है।
डॉ. राणा ने कहा कि राज्य सरकार यह मामला भारत सरकार के रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय तथा कृषि मंत्रालय से प्रत्येक सप्ताह में शुक्रवार को होने वाली वीडियो कांफ्रैंस के माध्यम से उठाती रही है तथा इस मामले को लेकर 19 जुलाई, 2010 को भारत सरकार के उर्वरक मंत्रालय के साथ बैठक की गई, जिसके उपरांत तथा भारत सरकार ने यूरिया खाद की आपूर्ति को बहाल किया तथा बिलासपुर, हमीरपुर व कुल्लू में अधिसूचित राष्ट्रीय रेक प्वाइंट को कार्यान्वित करने के बारे निर्णय लिया। उन्होंने कहा कि नंगल, होशियारपुर तथा चंडीगढ़ से यूरिया की आपूर्ति आरंभ कर दी गई है तथा 3-4 दिनों में यूरिया खाद की उपलब्धता सुनिश्चित हो जाएगी। उन्होंने कहा कि चंबा, कुल्लू व मण्डी जिलों को जहां से खाद की कमी की सूचना मिल रही थी, वहां पर यूरिया खाद भेज दी गयी है।
कृषि निदेशक ने कहा कि यूरिया खाद का प्रयोग जुलाई से अगस्त माह के पहले सप्ताह तक किया जा सकता है। उन्होंने किसानों/बागवानों को विश्वास दिलाया कि आगामी सप्ताह तक खाद की आपूर्ति सुनिश्चित बना दी जाएगी तथा हिमफैड को निर्देश दिए गए हैं कि खाद की कमी वाले क्षेत्रों को प्राथमिकता के आधार पर खाद की आपूर्ति सुनिश्चित बनाई जाए।