कांगड़ा: मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल ने कहा कि राज्य सरकार लघु तथा सूक्ष्म जल विद्युत परियोजनाओं के आवंटन में राज्य की सहकारी समितियों को अधिमान दिया जा रहा है ताकि प्रदेश के बेरोजगार शिक्षित युवाओं में उद्यमिता की भावना को विकसित किया जा सके तथा प्रदेश में सहकारी आन्दोलन को बढ़ावा दिया जा सके। मुख्यमंत्री आज कांगड़ा जिले के जयसिंहपुर उपमण्डल के हलेड़ गांव में एक विशाल जनसभा को सम्बोधित कर रहे थे। इस अवसर पर राज्य में 57वें सहकारी सप्ताह समारोह का शुभारम्भ किया गया। इससे पूर्व उन्होंने जयसिंहपुर में 5.50 करोउ़ रुपये की लागत से निर्मित होने वाले राजकीय डिग्री कालेज की आधारशिला रखी।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर सहकारी समितियों में नैतिक मूल्य अपनाये जाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार परिणामोन्मुखि प्रदर्शन करने वाली सहकारी समितियों को पुरस्कृत करेगी। उन्होंने कहा कि राज्य सहकारी बैंक तथा कांगड़ा सहकारी बैंक में राज्य सरकार द्वारा स्वीकृत नईं भर्ती पद्धत्ति के आधार पर 508 पद और स्वीकृत किए गए हैं, जिससे इन बैंकों की श्रम शक्ति 3726 से बढ़ कर 4234 हो जाएगी। उन्होंने इस अवसर पर सभी सहकारों के लिए लाभांश 12 से बढ़ाकर 25 प्रतिशत करने की घोषणा की।
प्रो. धूमल ने कहा कि बदलते वैश्विक परिदृश्य तथा भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए सहकारी सभाओं को उत्तम गुणवता के उत्पादों के माध्यम से खुले बाजार में प्रतियोगिता करनी होगी। उन्होंने कहा कि सहकारी समितियों को अपनी कार्य प्रणाली में गुणात्मक सुधार लाना होगा। राज्य में राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम के माध्यम से एकिकृत सहकारी विकास परियोजना के प्रथम चरण को सफलतापूर्वक कार्यान्वित किया गया है। राज्य सरकार ने यह निर्णय लिया है कि इस अभियान के दूसरे चरण को सिरमौर, हमीरपुर और बिलासपुर जिलों में आरम्भ किया जाए। इस कार्य पर 35.47 करोड़ रुपये व्यय होंगे। उन्होंने कहा कि अगले चरण में कांगड़ा, शिमला तथा कुल्लू जिलों को भी अभियान में शामिल किया जाएगा। समाज के कमजोर वर्गों के सामाजिक-आर्थिक उत्थान विशेषकर महिला सशक्तिकरण के दृष्टिगत प्रदेश सरकार राज्य सहकारी बैंकों के माध्यम से स्वैच्छिक संस्थाओं का गठन कर रही है। उन्होंने कहा कि राज्य में कार्यरत 15,541 समूहों में से 75 प्रतिशत महिला समूह हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने वैद्यनाथन समिति की संस्तुतियों को कार्यान्वित किया है तथा केन्द्र सरकार, नावार्ड और राज्य सरकार के मध्य हस्ताक्षरित होने वाले समझौता ज्ञापन का मामला केन्द्र सरकार के विचाराधीन है। इस समझौता ज्ञापन से सहकारी समितियों को स्वायतता एवं आत्म निर्भरता प्राप्त होगी और उन्हें होने वाली संचित हानि तथा कम्प्यूट्रीकरण इत्यादि के लिए 70 करोड़ रुपये तक के लाभ प्रदान किए जायेंगे। प्रदेश में पहली पंचवर्षीय योजना के समय से ही विभिन्न क्षेत्रों में सहकारी आन्दोलन को बढ़ावा दिया जा रहा है। पहली पंचवर्षीय योजना के समय राज्य में 843 सहकारी समितियां कार्यरत थीं, जिनकी कुल सदस्यता 25 हजार थी, जबकि वर्तमान में राज्य में 4489 सहकारी समितियां कार्यरत हैं जिनकी कुल सदस्यता 13.89 लाख है तथा कुल शेयर राशि 210.10 करोड़ रुपये और प्रतिभूति कुल 9059.39 करोड़ है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में कार्यरत सहकारी समितियों की कार्य पूंजी 11,947.83 करोड़ रुपये है और इन समितियों ने कृषि तथा सामाजिक कल्याण के लघु अवधि के 402.25 करोड़ रुपये के ऋण और कृषि तथा गैर-कृषि गतिविधियों के लिए दीर्घ अवधि के 49.79 करोड़ रुपये के ऋण बांटे हैं। राज्य सरकार सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत आवश्यक वस्तुओं तथा खाद्य पदार्थों पर 547.23 करोउ़ रुपये और खाद, बीज एवं कीट नाशक इत्यादि पर 43.10 करोड़ रुपये व्यय कर रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने यह सुनिश्चित बनाया है कि किसानों तथा बागवानों को उनके उत्पाद का समुचित मूल्य मिले और इस कार्य पर 54.34 करोड़ रुपये व्यय किए जा रहे हैं।
प्रो. धूमल ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश का समग्र एवं संतुलित विकास सुनिश्चित बना रही है। उन्होंने कहा कि स्थानीय डिग्री कालेज का नाम स्वर्गीय कंवर दुर्गा चन्द के नाम पर रखा गया है और इस विधानसभा क्षेत्र में स्थापित पॉलीटैक्निक कालेज का नामकरण भी स्वर्गीय श्री कंवर के नाम पर किया गया है। राज्य सरकार शिक्षा क्षेत्र पर बजट का 17 प्रतिश अर्थात 2567 करोड़ रुपये व्यय कर रही है। उन्होंने शिक्षा विभाग को निर्देश दिए कि वे विभिन्न अवसरों पर छात्रों द्वारा प्रस्तुत किए जाने वाले कार्यक्रमों में स्थानीय सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा दें। उन्होंने कहा कि इन कार्यक्रमों में प्रदेश के वीरों की कहानी भी दर्शाई जानी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर जिला बिलासपुर की झंडुता तहसील के गांव तलाई की तलाई ग्राम सेवा सहकारी सभा को प्रथम, इसी तहसील के पड़याला गांव की दयोल ग्राम सेवा सहकारी सभा को द्वितीय तथा ऊना जिला के प्रो. प्रेम कुमार धूमल ने कार्यक्रम के उपरान्त जन समस्याओं को भी सूना।
मुख्यमंत्री राहत कोष के लिए इस अवसर पर कंवर दुर्गा चन्द मेमोरियल राजकीय डिग्री कालेज के अध्यापकों तथा कर्मचारियों ने 25 हजार रुपये का बैंक ड्राफ्ट और श्री ओंकार सिंह ने 5100 रुपये का ड्राफ्ट भेंट किया।
सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य मंत्री श्री रविन्द्र रवि ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया और दुर्गम गांव हलेड़ से सहकारी सप्ताह का शुभारम्भ करने के लिए उनका आभार व्यक्त किया। उन्होंने स्थानीय डिग्री कालेज भवन की आधारशिला रखने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इससे स्थानीय लोगों की लम्बे समय से चली आ रही एक मांग पूरी हो गई है। गत 32 महीनों में इस विधानसभा क्षेत्र में सड़कों, पुलों तथा भवनों के लिए 93.06 करोड़ रुपये स्वीकृत करने के लिए भी श्री रवि ने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने राज्य में भेड़ पालक, पंडित दीन दयाल किसान बागवान समृद्धि, दूध गंगा और अटल स्वास्थ्य योजना आरम्भ करने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने इस अवसर पर राज्य सरकार द्वारा कार्यान्वित की जा रही विभिन्न विकासात्मक एवं कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने मुख्यमंत्री राहत कोष के लिए 51 हजार रुपये का ड्राफ्ट भेंट किया।
हिमाचल प्रदेश सहकारी बैंक के अध्यक्ष श्री चन्द्र मोहन ठाकुर, ने कहा कि बैंक शीघ्र ही राष्ट्रीय स्तर पर भी विभिन्न बैंकिंग संस्थानों के माध्यम से उपभोक्ताओं को टीएम सुविधा उपलब्ध करवायेगा। उन्होंने कहा कि बैंक की सभी 190 शाखाएं कम्प्यूट्रकृत हैं तथा इनमें छः हजार करोड़ रुपये का लेन-देन होता है।
हिमकोफैड के अध्यक्ष श्री करनेल सिंह राणा ने दुर्गम गांव हलेड़ में मुख्यमंत्री का स्वागत करते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश की सहकारी समितियों के लिए यह गर्व की बात है कि राज्य की पहली सहकारी समिति वर्ष 1892 में ज़िला ऊना के स्वर्गीय मीयां हीरा सिंह द्वारा पंजीकृत करवाई गई थी। उन्होंने कहा कि राज्य में सहकारों को जानकारी उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से 787 शिविर आयोजित किए गए तथा 30 प्रगतिशील समितियों के सचिवों को स्रोत व्यक्ति बनाया गया। उन्होंने मुख्यमंत्री का आश्वासन दिलाया कि राज्य में सहाकरी आन्दोलन को और सुदृढ़ किया जाएगा। उन्होंने मुख्यमंत्री राहत कोष के लिए 11 हजार रुपये का बैंक ड्राफ्ट भेंट किया।
पूर्व विधायक एवं राज्य सहकारी बैंक निदेशक मण्डल के सदस्य श्री के.के. कौशल तथा सहकारी कर्मचारी संघ हमीरपुर के अध्यक्ष श्री देस राज शर्मा ने भी कार्यक्रम को सम्बोधित किया और राज्य में सहकारी आन्दोलन को सुदृढ़ करने के लिए राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना की।
विधायक कैप्टन आत्मा राम, पूर्व विधायक श्री कर्म सिंह ठाकुर, कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक के अध्यक्ष श्री शेर सिंह चौहान, वूल फैड के अध्यक्ष श्री त्रिलोक कपूर, कांगड़ा केन्द्रीय सहाकारी बैंक के अध्यक्ष श्री आर.एस. मनकोटिया एवं उपाध्यक्ष श्री भगवान दास, पथ परिवहन निगम के उपाध्यक्ष श्री राजीव भारद्वाज, पंजीयक सहकारी सभाएं डा. ए..जे.वी. प्रसाद, राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी तथा क्षेत्र के अन्य गणमान्य व्यक्ति भी इस अवसर पर उपस्थित थे।