हिमाचल: प्राकृतिक आपदा में उजड़े 23 घरों को मिली राहत, सरकार ने दी 154 लाख की मदद

मंडी : दो वर्ष पूर्व बरसात के मौसम में आई प्राकृतिक आपदा से प्रभावितों की जिंदगी फिर से पटरी पर लौटने लगी है। वर्ष 2023 में प्रदेश भर में भारी बारिश से तबाही हुई। तेज बारिश व भूस्खलन से मंडी जिला के जोगिंदर नगर उपमंडल में भी 23 मकान पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए। इन परिवारों के सामने सिर छुपाने के लिए एक अदद छत का संकट खड़ा हो गया, लेकिन “सुक्खू सरकार” की त्वरित कार्रवाई, मानवीय दृष्टिकोण और विशेष आर्थिक पैकेज ने प्रभावित परिवारों के उजड़े आशियाने फिर से बसाने में सार्थक भूमिका निभाई है।

मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू के संवेदनशील नेतृत्व में राज्य सरकार ने राहत मैनुअल में व्यापक बदलाव लाते हुए विभिन्न मदों में राहत राशि में 25 गुना तक की बढ़ोतरी की। इसी का सुपरिणाम रहा कि प्रत्येक प्रभावित परिवार को मकान पुनर्निर्माण के लिए 7-7 लाख रुपये की विशेष आर्थिक सहायता प्रदान की गई। प्रभावितों ने बताया कि यदि यह सहायता समय पर नहीं मिलती, तो वे खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हो जाते। 

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उस आपदा के दौरान ग्राम पंचायत गुम्मा के गांव जगलोण के प्रभावित परिवार के सदस्य विनोद ने बताया, “आपदा में हमारा सब कुछ चला गया था। हमारा पूरा घर भूस्खलन के कारण दब गया था। सरकार ने जो 7 लाख रुपये की मदद दी, उससे हम दोबारा घर बनाने में सक्षम हुए हैं। इसके लिए मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू का बहुत-बहुत आभार जताते हैं।”

एक अन्य प्रभावित महिला, भूतड़ी देवी ने कहा ”भारी बारिश से हमारा पूरा मकान गिर गया था, जिसके चलते हमें तम्बू लगाकर रहना पड़ा। प्रदेश सरकार की ओर से मकान बनाने के लिए 7 लाख रूपये की मदद प्राप्त हुई। इसी से हमने नया घर बनाया तथा अब अपने घर में सुख से रह रहे हैं।”

गुम्मा क्षेत्र की नारदा देवी ने बताया कि दो साल पहले हुई तबाही ने उनका आशियाना छीन लिया। कुछ दिन वे लोगों के घरों में रुकने को मजबूर हुए। प्रदेश सरकार की ओर से गृह निर्माण के लिए की गई मदद को वे ताउम्र नहीं भुला पाएंगी। इसके लिए सरकार का धन्यवाद करते हैं।

इन आपदा प्रभावितों को अक्टूबर, 2023 में पहले चरण में 3 लाख रुपए की राशि दी गई। दूसरे चरण में अगस्त, 2024  में 2.50 लाख रुपए की दूसरी किश्त विशेष आपदा राहत पैकेज तथा 1.30 लाख रुपए आपदा राहत कोष से मिली। अंतिम चरण में 20- 20 हजार रुपए की राशि लाभार्थियों को दी जा रही है।

जोगिंदर नगर के उपमंडलाधिकारी (ना.) मनीश चौधरी ने बताया कि मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष के विशेष पैकेज नियमावली से गृह पुनर्निर्माण को 7-7 लाख रुपये की स्वीकृति मिली, जिससे लोगों को नया जीवन मिल सका। अब तक उपमंडल में 23 घरों के लिए लगभग 154 लाख रुपए की राशि सरकार की तरफ से प्रभावित परिवारों को दी जा चुकी है। जिन प्रभावितों का गृह निर्माण कार्य अंतिम चरणों में है, उन्हें भी नियमानुसार देय राशि का भुगतान किया जा रहा है।

आपदा के समय सरकार की त्वरित प्रतिक्रिया और विशेष आर्थिक सहायता ने प्रभावित परिवारों को आसरा दिया है और वे फिर से अपने घरों में सुरक्षित और सम्मानजनक जीवन जी रहे हैं। उनका कहना है कि जब शासन-प्रशासन सजग हो, तो कठिन समय में भी राहत और पुनर्वास संभव है।       

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पंकज जयसवाल

पंकज जयसवाल, हिल्स पोस्ट मीडिया में न्यूज़ रिपोर्टर के तौर पर खबरों को कवर करते हैं। उन्हें पत्रकारिता में करीब 2 वर्षों का अनुभव है। इससे पहले वह समाज सेवी संगठनों से जुड़े रहे हैं और हजारों युवाओं को कंप्यूटर की शिक्षा देने के साथ साथ रोजगार दिलवाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है।