हिमाचल में अस्पताल के बैंच पर महिला ने शिशु को जन्म दिया

ज्वालामुखी: ज्वालामुखी अस्पताल में अव्यवस्था की पोल उस समय खुली जब अस्पताल के बेंच पर ही एक महिला ने शिशु को जन्म दे दिया। अपनी प्रसव पीडा से बेहाल यह महिला व उसके परिजन मदद को कराहते रहे। लेकिन कोई आगे नहीं आया। इस दौरान महिला के परिजनों ने अस्पताल में खूब हंगामा किया। ज्वालामुखी में आज उस समय ईंसानियत शर्मसार हो गई जब एक र्गभवती महिला की डिलीवरी लेबोरट्री के बाहर हो गई जिससे स्वास्थ्य विभाग की लचर व्यवस्था खुल कर सामने आ गई । अस्पताल के स्वास्थ्य कर्मीयों की पोल खुल कर रह गई । शहर में इस घटना पर सभी दंग है तथा चिकित्सकों व स्टाफ की कड़ी शब्दों में निंदा हो रही है । मिली जानकारी के मुताबिक फकेहड़ मझीण के हरीश शर्मा पुत्र माधो राम आज दोपहर 12 बजे अपनी र्गभवती पत्नी प्रतिमा शर्मा को उसके मायके पाईसा से समुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र ज्वालामुखी लेकर आए ताकि उसकी पत्नी की डिलीबरी हो सके ।

हरीश शर्मा जो दिल्ली में रेलवे विभाग में कार्यरत है ने बताया कि हालांकि उसकी पत्नी की दवाई नदौन अस्पताल में चल रही थी परंतु उसकी पत्नी अपने मायके पाईसा में थी उसे दर्द शुरू हो गये थे इसलिए ज्वालामुखी अस्पताल नजदीक जान कर वह उपनी सास व अन्य के साथ ज्वालामुखी स्वास्थ्य केन्द्र डिलीवरी के लिए आए । मौजूदा डाक्टर को दिखाया तो उन्होंने कहा कि अभी समय लग जाएगा । इन्हें लेबर रूम में ले जाओ । हरीश शर्मा ने बताया कि जब लेबर रूम में वह अपनी पत्नी को ले गये तो वहां तैनात स्टाफ सदस्यों ने उसे लेबोरट्री में ले जाने को कहा ताकि उसके खून की जांच हो सके ओर अन्य टैस्ट भी हो सकें। हालांकि हरीश ने बताया कि उसकी पत्नी की हालत खराब है उसके टैस्ट यही करवा लिये जाएं परंतु मौके पर तैनात स्टाफ सदस्यों ने कहा कि अभी डिलीवरी नहीं होगी आप इसे खूब चलाओं ताकि डिलीवरी में आसानी हो सके ।

हरीश ने बताया कि ज्यों ही वह अपनी पत्नी को लेकर लेबोरट्री में जाने लगे तभी उसकी पत्नी को दर्द हुआ तथा उन्होने अपनी पत्नी को अस्पताल के बाहर बैंच पर लेटने को कहा और वहीं पर ही उसकी पत्नी की डिलीवरी हो गई । वहां मौजूद महिलाओं ने अपनी चादरें ,चुनरियों से उसको ढका । महिला के पति हरीश ने कहा कि बड़े दुख की बात है कि सरकार इतने दावे करती है और अस्पतालों में डाक्टर व स्टाफ का रवैया गेर जिम्मेदाराना है इसकी शिकायत वे मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री से करेंगे ताकि भविष्य में कभी किसी और के साथ इस किस्म की कोताही न हो सके। हरीश की पत्नी के यह दूसरा बच्चा हुआ है इससे पहले भी उसके बच्ची हुई थी और आज भी उसके बच्ची हुई है ।

इस सदर्भ में मुख्य चिकित्सा अधिकारी के.सी.डोगरा ने कहा कि यदि यह महिला का दूसरा बच्चा है तो यह केस प्रेसिपिटेटिड लेबर का है इसमें महिला के प्रसव का समय निर्धारित करना मुश्किल हो जाता है यदि यह डिलीवरी पहली होती तो इसे गैर जिम्मेदाराना कार्य माना जाता । बाबजूद इसके वे इस मामले की जांच करवाएंगे यदि कोई दोषी पाया जाएगा तो वे कार्यवाही भी करेंगे । इस घटना पर खाद्य आपूर्ती मंत्री रमेश ध्वाला ने भी दुख प्रकट करते हुए घटना की निंदा की है । तथा स्वास्थ्य केन्द्र की व्यवस्था सुधारने की उन्होंने निर्देश दिये है ताकि भविष्य में इस प्रकार की कोताही न हो ।

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