धर्मशाला: सांसद डॉ. राजन सुशांत ने हिमाचल में कर्नाटक की तर्ज पर सशक्त लोकायुक्त बनाने की वकालत की है। उनका कहना है कि प्रदेश में मौजूदा समय में लोकायुक्त के पास विशेष शक्तियां ही नहीं हैं और इस कारण आज तक प्रदेश में किसी बड़े नेता, अधिकारी या उद्योगपति के खिलाफ भ्रष्टाचार के किसी मामले में कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है। राजन सुशांत पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।
सांसद ने कहा कि देश में लोकपाल बिल के लिए अन्ना हजारे के आंदोलन के बाद लगातार जन दबाव बढ़ रहा है तथा यही कारण रहा है कि 43 वर्ष बाद देश की संसद में लोकपाल बिल को इस बार प्रस्तुत करना पड़ा। उन्होंने कहा कि आज देश में शक्तिशाली लोकपाल की जरूरत है व इसी तर्ज पर हिमाचल में भी भ्रष्टाचार से निपटने के लिए एक मजबूत लोकायुक्त की जरूरत है।
प्रदेश में बेनामी संपत्ति के बड़े-बड़े मामले हो रहे हैं, लेकिन लोकायुक्त के पास इन मामलों बारे सुनवाई का अधिकार ही नहीं है। इसके अलावा लोकायुक्त के पास इतनी शक्तियां ही नहीं हैं कि उनके पास कोई शिकायत लेकर जाए।
उन्होंने बिना नाम लिए हुए बताया कि प्रदेश के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सभी तथ्यों सहित लोकायुक्त के समक्ष प्रदेश के एक बड़े नेता के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायत की, लेकिन कुछ नहीं हुआ। भाजपा के प्रदेश में चार वर्ष की उपलब्धियों व कुल्लू रैली बारे पूछे जाने पर उन्होंने कोई भी टिप्पणी करने से इनकार किया लेकिन इतना जरूर कहा कि इसका जवाब जनता देगी।
सांसद ने कहा कि प्रदेश में सशक्त लोकायुक्त बनना चाहिए व इसमें सत्ताधारी दल का प्रभुत्व नहीं होना चाहिए। उन्होंने हिमाचल में विजिलेंस को भी लोकायुक्त के दायरे में लाने की मांग की। जिलों के मुद्दे पर राजन सुशांत ने कहा कि नए जिलों का गठन होना चाहिए लेकिन इस गठन बारे राजनीति नहीं होनी चाहिए।