शिमला: हिमाचल प्रदेश में निर्माण कार्यों में लगे लाखों कामगारों के कल्याण के लिए प्रदेश सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। अब राज्य के विभिन्न सरकारी और निजी संस्थानों से उपकर (Cess) संग्रह में पूरी तरह पारदर्शिता लाने और प्रक्रिया को प्रभावी बनाने के लिए एक समर्पित वेब पोर्टल विकसित किया जाएगा। यह घोषणा भवन एवं अन्य सन्निर्माण कामगार कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष नरदेव सिंह कंवर ने बोर्ड की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए की।

निजी संस्थानों की सुस्ती पर जताई चिंता
कंवर ने इस बात पर चिंता व्यक्त की कि निजी प्रतिष्ठानों से उपकर संग्रह की दर काफी कम है। उन्होंने अधिकारियों को सख्त निर्देश देते हुए कहा कि इस वित्तीय वर्ष में उपकर संग्रह का लक्ष्य 300 करोड़ रुपये तक पहुंचाया जाए। उन्होंने स्पष्ट किया, “उपकर से एकत्रित धनराशि सीधे तौर पर निर्माण श्रमिकों के कल्याण, उनके कौशल विकास, बच्चों की बेहतर शिक्षा और किसी भी दुर्घटना या स्वास्थ्य समस्या के दौरान वित्तीय सहायता के लिए उपयोग की जाती है। इसमें किसी भी प्रकार की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।”
अधिकारियों को दिए सख्त निर्देश
बैठक के दौरान श्रम अधिकारियों को निजी बिल्डरों, पेट्रोल पंपों, होटलों, कारखानों, निजी शिक्षण संस्थानों और शॉपिंग मॉल सहित सभी वाणिज्यिक संस्थाओं से उपकर की वसूली सुनिश्चित करने के कड़े निर्देश दिए गए। अध्यक्ष ने इस बात पर भी जोर दिया कि केवल पंजीकृत कामगार ही कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उठा सकते हैं, इसलिए निर्माण एवं अन्य श्रमिकों का उचित सत्यापन कर उनका पंजीकरण तेजी से किया जाए।
इस महत्वपूर्ण बैठक में बोर्ड के सचिव एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी राजीव कुमार, श्रम आयुक्त वीरेंद्र शर्मा, उप श्रम आयुक्त मुनीष करोल और सभी जिलों के श्रम अधिकारी उपस्थित रहे।