शिमला : हिमाचल प्रदेश सरकार ने राज्य में भारी बारिश और आपदा की स्थिति को देखते हुए पंचायती राज संस्थाओं (PRI) के चुनाव स्थगित करने का बड़ा फैसला लिया है। राज्य सरकार ने यह आदेश आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धारा 24(e) के तहत जारी किया है।
आदेश में कहा गया है कि 2025 के मानसून सत्र ने प्रदेश में भारी तबाही मचाई है। राज्य में अब तक 47 बादल फटने, 98 फ्लैश फ्लड और 148 बड़े भूस्खलन की घटनाएँ दर्ज की गई हैं। इन घटनाओं में 270 लोगों की मौत हुई है, जबकि 198 लोग सड़क हादसों में मारे गए। 1,817 मकान पूरी तरह और 8,323 मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। प्रदेश को अब तक करीब 5,426 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।

आदेश में कहा गया है कि मंडी, कांगड़ा, हमीरपुर और शिमला के उपायुक्तों ने सरकार को रिपोर्ट भेजकर आग्रह किया था कि सड़कों की दुर्दशा और आपदा की गंभीर स्थिति को देखते हुए पंचायत चुनाव टाले जाएँ। उपायुक्तों ने कहा कि मतदान कर्मियों, मतदाताओं और चुनाव सामग्री की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए यह कदम ज़रूरी है।
मुख्य सचिव संजय गुप्ता ने आदेश में कहा है कि राज्यभर में सड़कों और संपर्क मार्गों की बहाली के बाद ही पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव कराए जाएँगे। राज्य में टूटी सड़कों, क्षतिग्रस्त सार्वजनिक और निजी संपत्तियों की स्थिति को देखते हुए चुनाव तब तक नहीं होंगे जब तक ग्रामीण क्षेत्रों में सुचारू संपर्क मार्ग बहाल नहीं हो जाते, ताकि मतदाताओं और चुनाव कर्मियों को किसी प्रकार की असुविधा न हो और कोई भी मतदाता अपने मतदान अधिकार से वंचित न रह जाए।”
इस आदेश के साथ यह स्पष्ट हो गया है कि हिमाचल प्रदेश में पंचायत चुनाव अब सड़क बहाली और आपदा प्रबंधन कार्य पूर्ण होने के बाद ही आयोजित किए जाएंगे।