शिमला: हिमाचल प्रदेश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ पर्यटन सेक्टर को नई ऊंचाइयां देने के लिए मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने एक क्रांतिकारी कदम उठाया है। अब प्रदेश में 50 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश वाली बड़ी पर्यटन परियोजनाओं को लटकाने की इजाजत नहीं होगी। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि ऐसे सभी निवेश प्रस्तावों पर हर हाल में 30 दिनों के भीतर कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।

यह ऐतिहासिक निर्णय मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में नवगठित ‘पर्यटन निवेश संवर्धन परिषद’ की पहली बैठक में लिया गया। उन्होंने अनुमोदन प्रक्रिया में लालफीताशाही को खत्म करने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा, “पर्यटन हजारों परिवारों को आजीविका प्रदान करता है और हम निवेशकों के लिए रास्ते में कोई बाधा बर्दाश्त नहीं करेंगे।”
ऑफलाइन सिस्टम होगा खत्म, अब पूरी तरह डिजिटल होगी प्रक्रिया
मुख्यमंत्री सुक्खू ने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार नई परियोजनाओं के लिए अनुमोदन प्रक्रिया को सरल और पूरी तरह से डिजिटल बनाकर पर्यटन निवेश को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा, “वर्तमान में विभाग ऑफलाइन काम कर रहे हैं, लेकिन हम जल्द ही एक एकीकृत डिजिटल प्रणाली शुरू करेंगे।” उन्होंने अधिकारियों को निवेशकों की सुविधा के लिए एक सामान्य चेकलिस्ट बनाने का भी निर्देश दिया, ताकि सभी आवश्यक जानकारी एक ही बार में मांगी जा सके और अनावश्यक देरी से बचा जा सके।
निवेशकों को दिया हर संभव मदद का भरोसा
मुख्यमंत्री ने हिमाचल को अपार प्राकृतिक सुंदरता वाला एक निवेश-अनुकूल राज्य बताते हुए कहा कि कई प्रतिष्ठित कंपनियों ने यहां निवेश करने में गहरी रुचि दिखाई है। उन्होंने निवेशकों को भरोसा दिलाते हुए कहा, “सरकार निवेशकों को उनके उद्यम स्थापित करने में हर संभव सहायता प्रदान करेगी।”
इस उच्च-स्तरीय बैठक में एचपीटीडीसी के अध्यक्ष रघुबीर सिंह बाली, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना और वन बल प्रमुख संजय सूद सहित कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।