शिमला: हिमाचल प्रदेश के ऊंचाई वाले इलाकों ने बुधवार तड़के बर्फ की सफेद चादर ओढ़ ली है। जनजातीय जिला लाहौल-स्पीति और कुल्लू में मौसम ने अचानक करवट बदली। लाहौल में यह इस सर्दी का दूसरा हिमपात है, जिससे चंद्रा घाटी, रोहतांग दर्रा, अटल टनल क्षेत्र और कुंजम दर्रे जैसे इलाके बर्फ से ढक गए हैं। वहीं, कुल्लू के निचले इलाकों में झमाझम बारिश हुई है। इस बर्फबारी ने पर्यटन कारोबारियों के चेहरे पर रौनक ला दी है, हालांकि राजधानी शिमला में आज सुबह से धूप खिली हुई है।
इस बीच, चंबा जिले से एक दुखद खबर आई है। कांगड़ा के बड़ा भंगाल से होली के रास्ते लौट रहे भेड़पालकों के लिए यह बर्फबारी कहर बनकर टूटी। चंबा के जरासू जोत में हिमस्खलन और भीषण ठंड की चपेट में आने से करीब 250 भेड़-बकरियों की मौत हो गई।

यह घटना शुक्रवार की बताई जा रही है, लेकिन इसकी सूचना शनिवार को न्याग्रां पंचायत तक पहुंची। सूचना मिलते ही पंचायत प्रधान ने ग्रामीणों की एक बचाव टीम मौके के लिए रवाना की। बचाव दल को धारड़ी नामक स्थान पर उफनती रावी नदी को पार करने के लिए जान जोखिम में डालकर लकड़ी की अस्थायी पुलिया बनानी पड़ी।
बचाव दल ने कड़ी मशक्कत के बाद दोनों घायल भेड़पालकों को उनकी बची हुई भेड़-बकरियों के साथ सुरक्षित निकाल लिया। भेड़पालक कांगड़ा के ग्वालटिक्कर के रहने वाले हैं और बर्फ में लंबे समय तक रहने के कारण ‘आइस बर्न’ का शिकार हो गए हैं। उन्हें होली अस्पताल में प्राथमिक उपचार के बाद टांडा मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया है।
मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार, आज (बुधवार) और कल (23 अक्टूबर) भी राज्य के ऊंचे पर्वतीय इलाकों में हल्की बारिश और बर्फबारी हो सकती है। हालांकि, 24 से 28 अक्टूबर तक पूरे प्रदेश में मौसम साफ रहने का अनुमान है।