शिमला: केंद्र सरकार ने अब भांग के खात्मे के लिए इसे भूमि विकास के तहत मनरेगा में शामिल कर लिया है। अब यह काम करने के बदले मनरेगा के मजदूरों को मेहनताना मिलेगा। मिली जानकारी के अनुसार इसे उखाड़ने की जगह पौधरोपण करना अनिवार्य होगा तथा इसके लिए प्रशासन को ग्राम सभाओं की स्वीकृति भी लेनी होगी।
हिमाचल के कई स्थानों में भांग की अवैध खेती की जाती है तथा कई जगह यह प्राकृतिक तौर पर उगती है। नशे के सौदागर इसे चरस तैयार करने के लिए प्रयोग करते हैं। भांग की खेती नष्ट करने के लिए पुलिस व नारकोटिक्स ब्यूरो हर साल विशेष मुहिम छेड़ता है।
अब यह कार्य मनरेगा के मजदूर करेंगे। केंद्र के निर्देश पर हिमाचल प्रदेश के ग्रामीण विकास विभाग के सचिव ने सभी उपायुक्तों, नरेगा के जिला कार्यक्रम समन्वयकों, डीआरडीए के परियोजना निदेशकों को पत्र लिखे हैं। इसमें कृषि और साझा जमीन से भांग नष्ट करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके लिए जो भी मजदूर कार्य करेंगे उन्हें मनरेगा से पैसा मिलेगा।