शिमला: हिमाचल प्रदेश में बीते कई दिनों से भारी बारिश और भूस्खलन का तांडव जारी है। बीते दिन प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में भूस्खलन की कई घटनाएं सामने आई, जिनमें 4 लोगों की मौत हो गई, जबकि 2 लोग अब भी लापता बताए जा रहे हैं। सबसे ज़्यादा तबाही चंबा जिले में हुई, जहां भूस्खलन की चपेट में आने से एक भाई-बहन समेत चार लोगों की जान चली गई।

चंबा जिले के बसोधन पंचायत में एक भाई और बहन भूस्खलन को देखने के लिए घर से बाहर निकले थे, तभी अचानक उन पर मलबा आ गिरा और दोनों की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं, मैहला विकास खंड की भिमला पंचायत में घर के पास काम कर रहीं 4 महिलाएं भी भूस्खलन की चपेट में आ गईं। इनमें से 2 की जान चली गई, जबकि 2 गंभीर रूप से घायल हैं। इसी इलाके में 2 लोग लापता भी बताए जा रहे हैं।
मणिमहेश यात्रा पर गए 20,000 श्रद्धालु फंसे
चंबा जिले के भरमौर इलाके में भारी बारिश ने सबसे ज़्यादा कहर बरपाया है। मणिमहेश यात्रा पर गए लगभग 20,000 श्रद्धालु जगह-जगह फंसे हुए हैं। 6 घायल श्रद्धालुओं को एयरलिफ्ट कर चंबा मेडिकल कॉलेज ले जाया गया है। रावी नदी भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है, जिसके चलते नदी के आसपास के घरों को खाली करा लिया गया है।
सड़कें, बिजली और पानी की सप्लाई ठप
प्रदेश में बारिश और भूस्खलन से जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। दो राष्ट्रीय राजमार्गों समेत कुल 582 सड़कें बंद हो गई हैं। 1,155 बिजली ट्रांसफार्मर और 346 पेयजल योजनाएं भी ठप हैं। चंबा जिले में पिछले तीन दिनों से मोबाइल और इंटरनेट सेवाएं ठप हैं। जिले में 140 सड़कें बंद हैं और 1,200 गांवों में बिजली नहीं है। भरमौर-पठानकोट हाईवे समेत अन्य सड़कों के बंद होने से जरूरी चीजों की सप्लाई भी तीन दिनों से बाधित है, लोगों को पानी और गैस सिलिंडर के संकट का सामना करना पड़ रहा है।
कुल्लू-मनाली में हालात सुधरने की उम्मीद, सेब बागवान परेशान
पिछले तीन दिनों से कुल्लू-लाहौल में लगातार हो रही बारिश के बाद बुधवार को मौसम साफ रहा। चंडीगढ़-मनाली राष्ट्रीय राजमार्ग मंडी-कुल्लू के बीच 72 घंटे बाद छोटे वाहनों के लिए खोल दिया गया है। प्रशासन ने कुल्लू से मनाली के अलेऊ तक वामतट सड़क को भी छोटे वाहनों के लिए बहाल कर दिया है। हालांकि, मनाली और लाहौल घाटी अभी भी देश-दुनिया से कटी हुई हैं। सैकड़ों गांवों में बिजली और इंटरनेट की सेवा बंद होने से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं, सेब बागवानों की मुश्किलें भी बढ़ गई हैं, क्योंकि मंडियों तक सेब न पहुंचने से भारी नुकसान हो रहा है।
मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट
मौसम विभाग ने हिमाचल के सोलन और सिरमौर में गुरुवार को भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है। 29 अगस्त को ऊना, हमीरपुर, मंडी, शिमला और सिरमौर में भी अलर्ट जारी किया गया है। 30 और 31 अगस्त के लिए सिरमौर चंबा, कांगड़ा और मंडी के लिए भी चेतावनी जारी की गई है। राज्य में 2 सितंबर तक बारिश का दौर जारी रहने का अनुमान है।
मॉनसून से अब तक 2623 करोड़ का नुकसान
इस मॉनसून सीज़न में हिमाचल प्रदेश को अब तक 2623 करोड़ रुपए का भारी नुकसान हो चुका है। इस मॉनसून सीज़न में 310 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि 369 लोग घायल हुए हैं। 38 लोग अभी भी लापता हैं। अब तक बादल फटने की 42 और भूस्खलन की 82 घटनाएं हो चुकी हैं, जिनमें 2,719 कच्चे-पक्के घरों और 481 दुकानों को नुकसान पहुंचा है। इसके अलावा 3,192 गोशालाएं भी क्षतिग्रस्त हुई हैं।