हिमाचल में वर्ष 2012 तक एमबीबीएस में 400 विद्यार्थियों को प्रवेश सुविधा उपलब्ध होगी

शिमला: इंदिरा गांधी मेडिकल कालेज शिमला में एमबीबीएस की सीटों को 65 से बढ़ाकर 100 किया गया है तथा इस वर्ष 100 विद्यार्थियों को प्रवेश दिया जाएगा। डा. राजेन्द्र प्रसाद मेडिकल कालेज टाण्डा में भी एमबीबीएस की सीटें 50 से बढ़ाकर 100 करने के प्रयास किए जा रहे हैं। कर्मचारी राज्य बीमा निगम के माध्यम से मण्डी जिला में 600 करोड़ रुपये की लागत से मेडिकल कालेज का निर्माण कार्य आरम्भ कर दिया गया है, इसके अलावा पालमपुर व कसोली विधानसभा क्षेत्रों में भी मेडिकल कालेजों का निर्माण कार्य जारी है।

यह जानकारी स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डा. राजीव बिंदल ने आज यहां चिकित्सा शिक्षा एवं शोध विभाग के कार्यों की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए दी। उन्होंने बताया कि वर्ष 2012 तक प्रदेश में 400 विद्यार्थियों को एमबीबीएस में दाखिला लेने की सुविधा उपलब्ध हो जाएगी, जिसके लिए हमीरपुर, ऊना, सिरमौर व सरकाघाट में भी मेडिकल कालेज खोलने के लिए पग उठाए जा रहे हैं।

डा. बिंदल ने कहा कि मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल के नेतृत्व में इंदिरा गांधी मेडिकल कालेज में स्नातकोत्तर की सीटें 39 से बढ़ाकर 75 की गई हैं तथा डा. राजेन्द्र प्रसाद मेडिकल कालेज टाण्डा में पहली बार स्नातकोत्तर कक्षाएं आरम्भ की गई हैं, जिसमें पांच विद्यार्थियों ने दाखिला लिया है। उन्होंने बताया कि टाण्डा मेडिकल कालेज को स्नातकोत्तर संस्थान की मान्यता प्राप्त हो गई है तथा भारतीय चिकित्सा परिषद से इस संस्थान में स्नातकोत्तर की सीटों को 32 करने का आग्रह किया गया है। इसी प्रकार आईजीएमसी में विशेषज्ञता कोर्स शुरू करने के लिए भी एमसीआई से आग्रह किया गया है।

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि प्रदेश में पहली बार वर्ष 2009-10 में 230 विद्यार्थियों को बीएससी नर्सिंग में प्रवेश दिया गया है तथा वर्ष 2010-11 में 540 विद्यार्थी बीएससी नर्सिंग में प्रवेश प्राप्त कर सकेंगे, जिसके लिए अगस्त माह में कॉसलिंग की जाएगी।

डा. बिंदल ने कहा कि शीघ्र ही आईजीएमसी में 64 सलाइस सीटी कोबाल्ट यूनिट एवं आई बैंक स्थापित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि गत दो वर्षों के दौरान टाण्डा मेडिकल कालेज में 500 बिस्तरों की सुविधा उपलब्ध करवाई गई है तथा आईजीएमसी में आंखों की नई एक्स-रे मशीन, नया स्टेट आफ आर्ट आपरेशन थियेटर जैसी अनेक सुविधाएं सृजित की गई हैं।

निदेशक चिकित्सा शिक्षा एवं शोध डा. जयश्री शर्मा ने विभाग की विभिन्न गतिविधियों की विस्तृत जानकारी दी।

बैठक में आईजीएमसी शिमला के प्रधानाचार्य डा. सुरेन्द्र कश्यप, टाण्डा मेडिकल कालेज के प्रधानाचार्य डा. अनिल चौहान तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।