हिमाचल में श्रमिकों को 2.25 लाख पहचान पत्र जारी

शिमला: उद्योग तथा रोजगार एवं श्रम मंत्री श्री किशन कपूर ने कहा कि प्रदेश सरकार ने राज्य के सभी उद्योगों, जलविद्युत परियोजनाओं तथा अन्य प्रतिष्ठानों में कार्यरत श्रमिकों के हितों को देखते हुए उन्हें पहचान पत्र जारी करना अनिवार्य बनाया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अब तक 2 लाख 24 हजार 899 पहचान पत्र जारी किए जा चुके हैं।

श्री कपूर ने यह जानकारी आज यहां राज्य अनुबंध श्रमिक सलाहकार बोर्ड की बैठक की अध्यक्षता करते हुए दी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने राज्य के संगठित एवं गै़र-संगठित क्षेत्र में कार्यरत श्रमिकों को आवास सुविधा प्रदान करने के लिए सोलन जिले के आद्यौगिक क्षेत्र, बद्दी में 12 करोड़ रुपये की लागत से महिला तथा पुरुष कामगारों के लिए 950-950 क्षमता के दो श्रमिक हॉस्टलों का निर्माण किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में वर्ष भर कार्यरत औद्योगिक निर्माण इकाइयों व कारखानों में अनुबंध श्रमिक प्रणाली को समाप्त करने व इसे ‘अनुबंध श्रमिक (विनियमन एवं उन्मूलन) अधिनियम’ के अनुरूप बनाने के लिए शीघ्र ही एक उच्च स्तरीय बैठक आयोजित की जाएगी, जिसमें औद्योगिक प्रतिष्ठानों के नियोक्ताओं तथा विभिन्न ट्रेड यूनियनों के प्रतिनिधियों को शामिल किया जाएगा।

उद्योग मंत्री ने कहा कि श्रम नियमों एवं अधिनियमों के प्रावधानों के अंतर्गत आने वाले अनुबंध श्रमिकों को ई.एस.आई, ई.पी.एफ सहित अन्य आवश्यक सुविधाओं के लाभ प्रदान किए जा रहे हैं तथा प्रदेश में कार्यरत क्षेत्रीय निदेशक ई.एस.आई तथा क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त कार्यालयों के माध्यम से ई.एस.आई, ई.पी.एफ अधिनियम को कार्यान्वित किया जा रहा है।

श्री कपूर ने कहा कि प्रदेश सरकार औद्योगिक इकाइयों व प्रतिष्ठानों के नियोक्ताओं तथा विभिन्न ट्रेड यूनियनों की जायज़ मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करेगी। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही श्रम अधिकारियों की बैठक आयोजित की जाएगी, जिसमें संबंधित विषयों के बारे में विचार-विमर्श किया जाएगा।

आयुक्त श्रम एवं रोजगार श्री बी.आर. वर्मा, प्रदेश सरकार के वरिष्ठ अधिकारी तथा विभिन्न ट्रेड यूनियनों के प्रतिनिधि भी बैठक में उपस्थित थे।

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