शिमला: हिमाचल प्रदेश सरकार ने राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं को आधुनिक बनाने की दिशा में कई बड़े कदम उठाए हैं। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू के नेतृत्व में सरकार ने प्रदेश के दो सबसे बड़े चिकित्सा संस्थानों में रोबोटिक सर्जरी की शुरुआत की है और साथ ही सैकड़ों डॉक्टरों और नर्सों की भर्ती को मंजूरी दी है। इसका मुख्य उद्देश्य प्रदेश के लोगों को उनके घर के पास ही विश्वस्तरीय इलाज उपलब्ध कराना है।
एक महत्वपूर्ण उपलब्धि के तौर पर, शिमला के अटल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल सुपर स्पेशियलिटी (चमियाणा) और कांगड़ा के टांडा मेडिकल कॉलेज में अब रोबोटिक सर्जरी की सुविधा शुरू हो गई है। सरकार की योजना इस अत्याधुनिक तकनीक को चरणबद्ध तरीके से हमीरपुर, चंबा, नेरचौक और नाहन के मेडिकल कॉलेजों तक पहुंचाने की है। इसके अलावा, राज्य के अन्य अस्पतालों को भी आधुनिक उपकरणों से लैस किया जा रहा है।

स्वास्थ्य विभाग में कर्मचारियों की कमी को दूर करने के लिए भी सरकार ने अहम फैसले लिए हैं। हाल ही में 200 मेडिकल अधिकारियों, सुपर स्पेशियलिटी विभागों के लिए 38 सहायक प्रोफेसरों और 400 स्टाफ नर्सों की नियुक्ति को मंजूरी दी गई है।
इसके साथ ही, स्वास्थ्य सेवाओं को भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार करने के लिए मेडिकल अधिकारियों के 3020 पदों के कैडर को दो हिस्सों में बांटा गया है। अब इसमें 2337 पद सामान्य मेडिकल अधिकारियों के लिए होंगे, जबकि 683 पद विशेषज्ञ डॉक्टरों के लिए रखे गए हैं, जिनके पास पीजी डिग्री या डिप्लोमा होना अनिवार्य होगा। इस कदम से अस्पतालों में विशेष क्लीनिकल सेवाएं और मजबूत होंगी।
सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि इन सभी प्रयासों का लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि प्रदेश के लोगों को बेहतरीन इलाज के लिए राज्य से बाहर न जाना पड़े। उन्होंने कहा कि सरकार स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत करने और लोगों को किफायती दरों पर विशेष चिकित्सा सेवाएं देने के लिए प्रतिबद्ध है।