शिमला : हिमाचल प्रदेश विधानसभा में आज सामाजिक सुरक्षा पेंशन को लेकर चर्चा हुई। यह प्रश्न विपिन सिंह परमार (सुलह), पवन कुमार काजल (कांगड़ा), संजय अवस्थी (अर्की), और सुख राम चौधरी (पांवटा साहिब) द्वारा उठाया गया था। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ने इस संबंध में विस्तृत उत्तर दिया, जिसमें प्रदेश में सामाजिक सुरक्षा पेंशन की स्थिति, लाभार्थियों की संख्या, और केंद्र सरकार से धनराशि प्राप्ति जैसे मुद्दों पर प्रकाश डाला गया।

प्रदेश में कुल 8,24,929 लोग सामाजिक सुरक्षा पेंशन का लाभ उठा रहे हैं। इनमें लाभार्थियों को 1000, 1150, 1500, और 1700 रुपये प्रतिमाह की पेंशन राशि दी जाती है। यह राशि गैर-जनजातीय क्षेत्रों में त्रैमासिक आधार पर और जनजातीय क्षेत्रों में अर्ध-वार्षिक आधार पर प्रदान की जाती है। राज्य में 100 वर्ष या उससे अधिक आयु के 3854 पेंशन धारक सामाजिक सुरक्षा पेंशन प्राप्त कर रहे हैं।
पिछले तीन वर्षों (1 अप्रैल 2021 से 20 फरवरी 2025 तक) में बुढ़ापा, विधवा, और विकलांग पेंशन के कुल 3,18,967 नए मामले स्वीकृत किए गए। राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम के तहत वित्त वर्ष 2023-24 के लिए दिसंबर 2023 तक की धनराशि केंद्र सरकार से प्राप्त हो चुकी है। हालांकि, जनवरी 2024 के बाद से केंद्र ने कोई राशि जारी नहीं की है। इसके लिए राज्य सरकार ने 10 जून 2024 और 3 जनवरी 2025 को प्रस्ताव भेजे हैं और केंद्र से लगातार संपर्क कर इसे शीघ्र जारी करने का अनुरोध किया जा रहा है।
विभाग द्वारा 60 वर्ष से अधिक आयु के 6,93,288 व्यक्तियों को पेंशन दी जा रही है। यह राशि त्रैमासिक (गैर-जनजातीय क्षेत्रों में) और अर्ध-वार्षिक (जनजातीय क्षेत्रों में) आधार पर लाभार्थियों के बचत खातों में वितरित की जाती है। मार्च 2025 तक की पेंशन राशि जारी हो चुकी है और वर्तमान में कोई पेंशन लंबित नहीं है।
सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना हिमाचल प्रदेश में वृद्ध, विधवा, और विकलांग व्यक्तियों के लिए महत्वपूर्ण सहारा है। सरकार ने इस योजना को प्रभावी ढंग से लागू करने का दावा किया है, लेकिन केंद्र से धनराशि की अनियमितता एक चुनौती बनी हुई है।