हिमाचल में 941 करोड़ के GST फर्जीवाड़े का पर्दाफाश, AI से दस्तावेज बदलकर कारोबार

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By संजीव अवस्थी

शिमला: दक्षिण जोन GST विंग परवाणू ने टैक्स चोरी के एक बड़े रैकेट का भंडाफोड़ किया है। शिमला, सोलन, सिरमौर और किन्नौर जिलों में अधिकार क्षेत्र रखने वाली GST टीम ने ऐसे शातिरों को पकड़ा है जिन्होंने एआई (AI) टूल्स का इस्तेमाल करके फर्जी दस्तावेजों के आधार पर जी.एस.टी. रजिस्ट्रेशन हासिल किए थे।

विभाग की जांच में चौंकाने वाली बातें सामने आई हैं। इन जालसाजों ने बिजली के बिल, आधार कार्ड, पैन कार्ड और रेंट डीड जैसे दस्तावेजों में छेड़छाड़ की थी। हैरानी की बात यह है कि शिक्षकों, सरकारी कर्मचारियों और डॉक्टरों द्वारा अपने निजी काम के लिए खरीदे गए ई-स्टाम्प पेपर्स को एआई की मदद से एडिट किया गया और उन्हें फर्जी बिजनेस का पता दिखाने के लिए इस्तेमाल किया गया।

जब जीएसटी अधिकारियों ने मौके पर जाकर जांच की, तो मकान मालिकों को इस बात की खबर तक नहीं थी कि उनकी प्रॉपर्टी पर पिछले छह महीनों से करोड़ों का कारोबार दिखाया जा रहा है। जांच में पाया गया कि जिन लोगों के आधार कार्ड और मोबाइल नंबरों पर ये कंपनियां रजिस्टर थीं, वे असल में सफाई कर्मचारी, माली और घरेलू नौकर हैं। इन गरीबों को अंदाजा भी नहीं था कि उनके आईडी प्रूफ पर इतना बड़ा कारोबार चल रहा है।

साउथ इंडिया से जुड़े हैं तार

पकड़े गए कुल 9 फर्जी टैक्स पेयर्स में से 5 शिमला, 3 सोलन और 1 ऊना जिला से संबंधित पाया गया है। जांच में पता चला कि ये सभी जाली फर्में तेलंगाना, राजस्थान और कर्नाटक से चलाई जा रही थीं और पैसों के लेनदेन के लिए दक्षिण भारतीय राज्यों के बैंक खातों का इस्तेमाल हो रहा था। कागजों में हिमाचल प्रदेश से 90 फीसदी बिक्री इन्हीं राज्यों में दिखाई जा रही थी।

170 करोड़ की टैक्स चोरी पकड़ी

अब तक पकड़े गए इन 9 करदाताओं ने करीब 941.39 करोड़ रुपये का फर्जी कारोबार दिखाया है, जिसके जरिए वे राज्य और केंद्र सरकार को करीब 170 करोड़ रुपये का चूना लगाने की फिराक में थे। विभाग ने एचपी एसजीएसटी एक्ट-2017 की धारा 67 के तहत कार्रवाई करते हुए इनके जीएसटी नंबर तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिए हैं और इनके क्रेडिट लेजर में मौजूद आईटीसी (ITC) को ब्लॉक कर दिया है।

आम जनता के लिए चेतावनी

जीएसटी विंग साउथ जोन के ज्वाइंट कमिश्नर जी.डी. ठाकुर (HPRS) ने बताया कि यह फ्रॉड बिल माफिया सरकारी राजस्व को नुकसान पहुंचाने के लिए सक्रिय है। उन्होंने आम नागरिकों को सलाह दी है कि वे अपने बिजली बिल, आधार, पैन कार्ड, रेंट डीड और ई-स्टाम्प पेपर सुरक्षित रखें ताकि अपराधी उनका दुरुपयोग न कर सकें।

विभाग ने सभी सर्कल अफसरों और अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि नया जीएसटी रजिस्ट्रेशन देने से पहले आवेदक की पूरी जांच की जाए। इस कार्रवाई में डीसीएस, एसीएस और आईटी स्टाफ की टीमों ने अहम भूमिका निभाई है और भविष्य में भी ऐसे फर्जी रजिस्ट्रेशन के खिलाफ सख्त कार्रवाई जारी रहेगी।

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संजीव अवस्थी

समाचार रिपोर्टिंग में 25 वर्षों से अधिक का अनुभव है। हिमाचल प्रदेश के कुछ सबसे प्रतिष्ठित दैनिक समाचार पत्रों में व्यापक योगदान दिया है। पिछले कई वर्षों से, विभिन्न ऑनलाइन समाचार प्लेटफार्मों के साथ सक्रिय रूप से जुड़े रहे हैं और बदलते डिजिटल मीडिया परिदृश्य के साथ तालमेल बिठाते रहे हैं।