हिमाचल सरकार ने केंद्र सरकार को भेजा प्रदेश में 5 नए नेशनल हाईवे बनाने का प्रस्ताव : विक्रमादित्य सिंह

ऊना : हिमाचल सरकार ने राज्य में 5 नए नेशनल हाईवे की मंजूरी के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा है। लोक निर्माण एवं शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने शुक्रवार को डीआरडीए सभागार ऊना में आयोजित विभागीय समीक्षा बैठक के उपरांत पत्रकार वार्ता में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इन प्रस्तावित नेशनल हाईवे के निर्माण से प्रदेश में विकास को गति मिलेगी और केंद्रीय राजमार्ग एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात कर इन्हें शीघ्र अमलीजामा पहनाने के प्रयास किए जाएंगे।

विक्रमादित्य सिंह ने बताया कि पिछली बीजेपी सरकार के कार्यकाल में प्रदेश के लिए 69 नेशनल हाईवे की घोषणा की गई थी, लेकिन इन घोषणाओं में से किसी का भी निर्माण नहीं हुआ। वर्तमान सरकार ने अब व्यवहारिकता को ध्यान में रखते हुए 5 नए नेशनल हाईवे का प्रस्ताव तैयार किया है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि शीघ्र ही केंद्रीय मंत्रालय से इन प्रस्तावों की स्वीकृति प्राप्त होगी।

vikrmaadiya singh in mandi

एमडीआर परियोजनाओं को सीआरएफ के अधीन लाने का होगा प्रयास

मंत्री ने की प्रदेश में मुख्य जिला सड़कों (एमडीआर) के लिए वित्तीय सहायता बढ़ाने के लिए उन्हें केंद्रीय रोड़ फंड (सीआरएफ) के अधीन लाने के प्रयास किए जाएंगे। इस उद्देश्य से वे दिल्ली में केंद्रीय मंत्री से मिलकर केंद्रीय रोड़ फंड के माध्यम से सड़क परियोजनाओं में और सहयोग प्राप्त करने का प्रयास करेंगे। उन्होंने विभाग को मिले सहयोग के लिए केंद्रीय मंत्री श्री नितिन गडकरी का आभार भी व्यक्त किया और बताया कि हिमाचल को हाल ही में लोक निर्माण विभाग के लिए 300 करोड़ रुपये का अतिरिक्त सहयोग प्राप्त हुआ है।
ऊना में रिंग रोड़ के निर्माण पर विचार
लोक निर्माण मंत्री ने कहा कि ऊना शहर में यातायात कंजेशन कम करने के उद्देश्य से रिंग रोड़ के निर्माण पर विचार किया जा रहा है। मंत्री ने बताया कि इस परियोजना के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं और इसे चरणबद्ध तरीके से पूरा किया जाएगा। रिंग रोड़ बनने से ऊना शहर में यातायात का दबाव कम होगा और भविष्य की जरूरतों को पूरा करने में सहायक सिद्ध होगा।

ऊना को नगर निगम बनाने के प्रस्ताव पर सभी हितधारकों से होगी व्यापक चर्चा
 विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि ऊना नगर परिषद को नगर निगम का दर्जा देने का प्रस्ताव प्राप्त हुआ है। इस प्रस्ताव पर सभी हितधारकों और संबंधित पक्षों के साथ विस्तृत चर्चा के बाद ही निर्णय लिया जाएगा, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि निर्णय व्यापक हित में हो। उन्होंने यह भी कहा कि वे जल्द ही केंद्रीय शहरी विकास मंत्री से भेंट करेंगे, जिसमें हिमाचल प्रदेश में शहरी विकास, स्वच्छता, सीवरेज और कूड़ा निस्तारण व्यवस्था को और बेहतर बनाने पर विस्तार से चर्चा की जाएगी।
मंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत जिले में 2070 मकानों की स्वीकृति की मिली है। इन मकानों के लिए लाभार्थियों को लगभग 35 करोड़ रुपये की राशि प्रदान की जा रही है, जिससे जरूरतमंद परिवारों को आवासीय सुविधा में सहायता मिलेगी और उन्हें बेहतर जीवन स्तर प्राप्त होगा।
ऊना जिले में करोड़ों के काम

मंत्री ने जानकारी दी कि ऊना जिले में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना-3 के तहत 19 सड़कों पर कार्य चल रहा है, जिसमें सीटीबी तकनीक का उपयोग किया जा रहा है और इसके लिए 73 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा, नाबार्ड के तहत करीब 115 करोड़ रुपये के विकास कार्य किए जा रहे हैं, जिसमें सड़कों की मैटलिंग पर करीब 84 करोड़ रुपये खर्च होंगे। सीआरएफ के तहत हरोली में स्वां नदी पर और गगरेट-लोहारली पुल का निर्माण कार्य भी चल रहा है।
सड़क मरम्मत की अवधि को कम करने का प्रस्ताव
बैठक में मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि पंचायत मुख्यालयों को जाड़ने वालीे मुख्य सड़कों की मरम्मत की अंतराल अवधि को 6 वर्षों से घटाकर 3-4 वर्ष करने का प्रस्ताव तैयार करें ताकि सड़कें अधिक टिकाऊ बनी रहें। उन्होंने सभी सड़कों में जल निकासी व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने पर भी बल दिया ताकि सड़कों को किसी भी प्रकार का नुकसान न हो और उनकी दीर्घकालिकता बनी रहे।

बैठक में लोक निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता विजय चौधरी ने विभाग की चल रही और प्रस्तावित योजनाओं का विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया, जबकि अधीक्षण अभियंता हर्ष पुरी ने ऊना जिले के कार्यों का विधानसभा वार ब्यौरा दिया।
बैठक में चिंतपूर्णी के विधायक सुदर्शन बबलू और कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष एवं पूर्व विधायक सतपाल रायजादा ने विकास कार्यों को गति देने हेतु अपने सुझाव दिए। इस अवसर पर उपायुक्त जतिन लाल सहित जिला प्रशासन और विभिन्न विभागों के अधिकारी भी उपस्थित रहे।
कैपिटल एक्सपेंडिचर और उपयोगिता प्रमाणपत्र में समयबद्धता का रखें ध्यान
विक्रमादित्य सिंह ने बैठक में केंद्रीय रोड़ फंड के तहत स्वीकृत योजनाओं में कैपिटल एक्सपेंडिचर के निर्धारित लक्ष्यों को समय पर पूरा करने और उन्हें नियमित रूप से अद्यतन रखने के निर्देश दिए। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को खर्च की गई धनराशि के उपयोगिता प्रमाणपत्र समय पर प्रस्तुत करने का भी निर्देश दिया ताकि केंद्रीय सहायता की प्रक्रिया में किसी प्रकार की देरी न हो। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यदि उपयोगिता प्रमाणपत्र जमा करने में देरी होती है, तो इससे केंद्रीय सहायता के जारी होने में अनावश्यक विलंब हो सकता है, जिससे परियोजनाओं के कार्यान्वयन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।

उन्होंने नाबार्ड, केंद्रीय रोड फंड और विधायक प्राथमिकता सहित अन्य सभी योजनाओं की डीपीआर में देरी न करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने यह भी कहा कि जिन परियोजनाओं का 80-85 फीसदी कार्य पूर्ण हो चुका है, उनकी अलग से रिपोर्ट तैयार की जाए ताकि संबंधित विभाग से शेष धनराशि उपलब्ध कराकर इन परियोजनाओं को शीघ्र जनता को समर्पित किया जा सके।

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