शिमला: मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल की अध्यक्षता में गत सायं यहां राज्यस्तरीय एकल खिड़की स्वीकृति एवं अनुश्रवण प्राधिकरण की 45वीं बैठक में प्रदेश में 18.15 करोड़ रुपये के कुल निवेश की औद्योगिक परियोजनाओं को स्थापित करने के लिए दो नए प्रस्ताव तथा एक विस्तार प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की गई, जिसमें 84 लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे। नई ईकाई में ‘मैसर्स हिमफै्रश प्रोड्यूस’, जो शिमला जिला के कोटखाई क्षेत्र में एकीकृत कोल्ड चेन स्थापित करेगी तथा दूसरी सिरमौर जिले के पांवटा-साहिब में ‘मैसर्स ग्रोवैल ऐग्रो सिस्टम’ इकाई शामिल है, जो कीटनाशक, फफूंदीनाशक एवं ‘हर्बिसाइड’ इत्यादि तैयार करेगी।
बैठक में निर्णय लिया गया कि प्रदूषण फैलाने वाली, रोजगार के कम अवसर प्रदान करने वाली व अधिक बिजली की खपत करने वाली नई औद्योगिक इकाइयों/भट्ठियों को स्थापित करने को हतोत्साहित किया जाएगा, ताकि पर्यावरण को संरक्षित बनाया जा सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के प्रति सरकार विशेष ध्यान दे रही है। राज्य को पॉलीथीन मुक्त बनाने के लिए विशेष अभियान चलाया गया, जिसमें स्थानीय लोगों की भागीदारी के साथ-साथ गै़र सरकारी संगठनों एवं अन्य स्वैच्छिक संगठनों को भी सम्बद्ध किया गया। उन्होंने कहा कि अधिक प्रदूषण फैलाने वाले उद्योग ही कार्बन उत्सर्जन के लिए जिम्मेदार हैं, जिससे क्षेत्र के पर्यावरण को नुकसान होता है, परिणामस्वरूप वैश्विक ऊष्मीकरण में वृद्धि होती है। उन्होंने कहा कि यह प्रदेश तथा देश हित में होगा कि प्रदूषण फैलाने वाले ऐसे उद्योगों को हतोत्साहित किया जाए। उन्होंने कहा कि वर्तमान औद्योगिक इकाइयों को प्रदूषण रोकने के आधुनिक यंत्रों को लगाने का सुझाव दिया गया है, जिससे इकाइयों से होने वाले ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन को कम किया जा सके।
प्रो. धूमल ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे उद्यमियों को प्रदेश में स्थानीय कच्चे माल पर आधारित इकाइयों में निवेश के लिए प्रोत्साहित करें, ताकि स्थानीय लोगों को रोजगार एवं स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध हो सकें। उन्होंने कहा कि राज्य की औद्योगिक नीति को अक्षरशः लागू करने की आवश्यकता है, विशेषकर स्थानीय शिक्षित बेरोजगार युवाओं को सभी स्तरों पर 70 प्रतिशत रोजगार की शर्त को लागू किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि युवाओं के लिए दक्षता उन्नयन कार्यक्रम भी चलाया जा रहा है, जिसके माध्यम से युवाओं को रोजगार के व्यापक अवसर उपलब्ध करवाए जा सकते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में बेहतर औद्योगिक मित्र वातावरण है, जहां निवेशकों के हितों को सुरक्षित बनाया जा रहा है और राज्यस्तरीय एक खिड़की स्वीकृति एवं अनुश्रवण प्राधिकरण के माध्यम से सभी स्वीकृतियां प्रदान की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने नये औद्योगिक प्रस्ताव के पंजीकरण के लिए कागज की प्रक्रिया को आसान बनाया है, जिससे इकाइयों के पंजीकरण के लिए सभी औपचारिकताओं को पूरा करने के लिए समय की बचत की जा सके। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने औद्योगिक क्षेत्रों के लिए अलग पुलिस एवं आबकारी जिले सृजित किए हैं तथा राजस्व एवं दवा नियंत्रक कार्यालय आरंभ किए हैं, जिससे उन्हें स्थानीय स्तर पर सभी सुविधाएं उपलब्ध हो सकें। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ विकास प्राधिकरण गठित किया है, जो औद्योगिक क्षेत्र का सुनियोजित विकास करेगी और औद्योगिक गतिविधियों के सुचारू कार्यान्वयन के लिए उन्हें हर संभव सुविधाएं उपलब्ध करवाएगी |