कुल्लू : विजिलेंस विभाग की टीम ने कुल्लू जिला मुख्यालय ढालपुर स्थित क्षेत्रीय अस्पताल के पास खाद्य सुरक्षा विभाग के कार्यालय में एक बड़े रिश्वत घोटाले का भंडाफोड़ किया है। इस मामले में खाद्य सुरक्षा विभाग के सहायक आयुक्त, एक फूड सेफ्टी ऑफिसर और एक चपरासी को रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। विजिलेंस टीम ने मौके से 1 लाख 10 हजार रुपए की राशि भी जब्त की है।
मामला मनाली के एक होटल कारोबारी पदमचंद से जुड़ा है। होटल में असुरक्षित खाने और गलत ब्रांड के पापड़ से संबंधित एक नोटिस खाद्य सुरक्षा विभाग द्वारा 28 नवंबर 2024 को जारी किया गया था। इस नोटिस को दबाने के लिए खाद्य सुरक्षा विभाग के सहायक आयुक्त ने होटल कारोबारी से 2 लाख रुपए की रिश्वत मांगी।
पदमचंद ने इस रिश्वत की मांग को विजिलेंस विभाग को सूचित किया। विजिलेंस टीम ने इसकी जानकारी मिलते ही तुरंत कार्रवाई शुरू की और एक जाल बिछाया।
आज जब पदमचंद ढालपुर स्थित खाद्य सुरक्षा विभाग के कार्यालय पहुंचे, तो सहायक आयुक्त (एक महिला अधिकारी) ने उन्हें रिश्वत की राशि फूड सेफ्टी ऑफिसर पंकज को देने के लिए कहा। पदमचंद ने जब पंकज को राशि देनी चाही, तो पंकज ने यह राशि विभाग के चपरासी केशव राम को सौंपने का निर्देश दिया।
जैसे ही पदमचंद ने केशव राम को 1 लाख 10 हजार रुपए की राशि दी, विजिलेंस टीम ने तुरंत मौके पर पहुंचकर तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार किए गए आरोपियों में सहायक आयुक्त, फूड सेफ्टी ऑफिसर पंकज और चपरासी केशव राम शामिल हैं।
विजिलेंस विभाग के एसपी कुलभूषण वर्मा ने इस मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि टीम ने आरोपियों को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा है। मौके से 1 लाख 10 हजार रुपए की राशि बरामद की गई है। उन्होंने यह भी बताया कि इस मामले में आगे की कार्रवाई की जा रही है और आरोपियों के खिलाफ कानूनी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
आरोपियों पर खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2011 के तहत जारी नोटिस को दबाने के लिए रिश्वत लेने का आरोप है। सहायक आयुक्त ने होटल कारोबारी से 2 लाख रुपए की मांग की थी, जिसमें से 1 लाख 10 हजार रुपए की राशि मौके से बरामद हुई है।
विजिलेंस विभाग ने इस मामले में तीनों आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। आरोपियों से पूछताछ जारी है। विभाग ने यह भी सुनिश्चित किया है कि होटल कारोबारी पदमचंद को किसी भी तरह की परेशानी न हो। इस मामले ने एक बार फिर सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार की जड़ों को उजागर किया है।