ज्वालामुखी: पर्यटन मौसम की चरम सीमा पर मेहमानों को वाजिब दरों पर अच्छी आवासीय सुविधा प्रदान करने के लिए शुरू की गई होम स्टे योजना पर्यटकों में काफी लोकप्रिय साबित हो रही है ।
राज्य में वर्ष 2008 में शुरू की गई यह योजना पर्यटकों का रूख लोकप्रिय परम्परागत पर्यटक स्थलों से राज्य के अन्दरूनी हिस्सों की तरफ मोडऩे में कामयाब रही है । पीक पर्यटन सीजन के दौरान अधिकतर पर्यटक स्थलों पर होटल तथा गैस्ट हाऊस लगभग भरे रहते हैं तथा ऐसे में आगन्तुक मेहमानों को स्वच्छ, आरामदेह तथा वाजिब दरों पर रहने की सुविधा प्रदान करने के लिए शुरू की गई योजना के सकारात्मक परिणाम मिल रहे हैं ।
राज्य के कुल्लु मनाली, शिमला, धर्मशाला, पालमपुर, डलहौजी क्षेत्रों में यह योजना अति उत्साहवर्धक रही है जहॉं पर्यटक मंहगे होटलों की बजाए शान्तमय वातावरण में सस्ती दरों पर टहरने को प्राथमिकता दे रहे हैं ।
राज्य के पर्यटन निदेशक डाक्टर अरूण शर्मा के अनुसार अब तक इस योजना के अन्तर्गत 338 होम स्टे ईकाईयों का पंजीकरण किया गया है जिनमें से अकेले कुल्लु मनाली में 113 ईकाईयां पंजीकृत की गई हैं । राज्य के दूसरे लोकप्रिय पर्यटक स्थलों शिमला तथा धर्मशाला में 90 होम स्टे ईकाईयां पंजीकृत की गई हैं जबकि शर्द ऋतू में बर्फ से ढके रहने वाले जनजातीय लाहौल स्पिति एवं किन्नौर में 75 ईकाईयां पंजीकृत की गई हैं । पर्यटन सीजन के दौरान इन सभी ईकाईयों की आकुपैन्सी दर 100 प्रतिशत दर्ज की गई है ।
होम स्टे योजना मध्यम वर्गीय भारतीय एवं विदेशी पर्यटकों की पहली पसन्द के रूप में उभर कर सामने आ रही है । पिछले दो वर्षों के दौरान लगभग 18156 भारतीय तथा 1485 विदेशी पर्यटकों ने होम स्टे ईकाईयों में डेरा डाला । शहरी क्षेत्रों से अलग बसी होम स्टे ज्यादातर ईकाईयां सुन्दर घाटियों में बसाई गई हैं जहॉं गगनचुम्बी पर्वत श्रंृखलाएं, नदियां तथा जंगली पक्षी आगन्तुक मेहमानों का स्वागत करते हैं । इस योजना से पर्यटन उद्योग ग्रामीण क्षेत्रों की पर्यटन सम्भावनाओं के दोहन में भी सफल रहा है ।
होम स्टे योजना से जहां पर्यटकों को नए वैकल्पिक पर्यटन स्थल उपलब्ध हो रहे हैं वहीं दूसरी ओर ग्रामीण क्षेत्रों की रोजगार तथा आर्थिक विकास की सम्भावनाओं में बढ़ौतरी हो रही है ।
राज्य के पर्यटन निदेशक डाक्टर अरूण शर्मा ने बताया कि इस योजना के अन्तर्गत इस समय लगभग 3,000 ग्रामीण लोगों को पर्यटन व्यवसाय से जोड़ा गया है तथा अभी तक लगभग 4 करोड़ रूपए की आर्थिक गतिविधियों का सृजन किया गया है ।
राज्य के हर-भरे बागानों, सुन्दर मनमोहक घाटियों में ठहरने वाले पर्यटकों को प्राकृतिक वातावरण में परम्परागत हिमाचली वयंजन भी परोसे जा रहे हैं जिससे परम्परागत खाने को बढ़ावा मिल रहा है ।
पर्यटन निदेशक डाक्टर अरूण शर्मा ने बताया कि सरकार ने होम स्टे योजना को प्रोत्साहन प्रदान करने के लिए सभी ईकाईयों को कर से मुक्त किया है, बिजली एवं पानी घरेलू उपभोक्ताओं को सस्ती दरों पर प्रदान की जा रही है ।