नाहन : हिमाचल प्रदेश स्कूल प्रवक्ता संघ जिला सिरमौर ने राज्य सरकार की नई पीटीआर (प्यूपिल टीचर रेशियो) नीति तथा इसके तहत किए जा रहे विषयवार युक्तिकरण के निर्देशों का कड़ा विरोध किया है। संघ ने इसे शिक्षा व्यवस्था के लिए आत्मघाती करार देते हुए सोमवार को स्कूल शिक्षा निदेशालय शिमला में राज्य स्तरीय विरोध प्रदर्शन का ऐलान किया है।
संघ के राज्य चेयरमैन सुरेंद्र पुंडीर, जिला अध्यक्ष डॉ. आई. डी. राही, वरिष्ठ उपाध्यक्ष ओम प्रकाश शर्मा, महासचिव दिनेश शर्मा और कोषाध्यक्ष लाल सिंह ठाकुर ने संयुक्त बयान में कहा कि सरकार द्वारा छात्र-शिक्षक अनुपात को 60:1 से बढ़ाकर 100:1 करना पूरी तरह से अव्यावहारिक और शिक्षा की गुणवत्ता के खिलाफ है।

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में अध्यापक-छात्र अनुपात को सामान्य क्षेत्रों में 30:1 और दुर्गम क्षेत्रों में 25:1 रखा गया है, लेकिन हिमाचल में जारी आदेश इसके उलट हैं। स्कूल शिक्षा निदेशालय द्वारा 19 जून को जारी निर्देशों में कहा गया है कि किसी भी वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में कक्षा 11वीं और 12वीं में यदि किसी विषय के कुल छात्र 100 हैं, तो केवल एक प्रवक्ता की नियुक्ति की जाएगी।
संघ का तर्क है कि अधिकांश स्कूलों में इतने बड़े कक्षा कक्ष ही उपलब्ध नहीं हैं, जहाँ एक शिक्षक 100 विद्यार्थियों को एक साथ पढ़ा सके। 35 मिनट के एक पीरियड में न तो उपस्थिति सुनिश्चित की जा सकती है, और न ही व्यक्तिगत मार्गदर्शन दिया जा सकता है।
ग्रामीण क्षेत्रों में अंग्रेजी व कला संकाय तथा शहरी क्षेत्रों में विज्ञान विषय में विद्यार्थियों की संख्या सर्वाधिक है। ऐसे में एक प्रवक्ता से 100 छात्रों को पढ़वाना शैक्षणिक हितों के साथ अन्याय होगा।
संघ ने सरकार द्वारा लिए गए अन्य कड़े परंतु सकारात्मक फैसलों का स्वागत किया है, परंतु इस निर्णय को उन्होंने शिक्षकों और छात्रों दोनों के लिए नुकसानदायक बताया है। सोमवार को सिरमौर जिला के पदाधिकारी राज्य नेतृत्व के साथ मिलकर शिमला स्थित स्कूल शिक्षा निदेशालय पहुंचेंगे और शिक्षा निदेशक से मुलाकात कर आदेशों को तुरंत रद्द करने की मांग करेंगे।