सोलन: कसौली क्लब में शुक्रवार को तीन दिवसीय 12वां खुशवंत सिंह लिट्फेस्टका आगाज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के पति अर्थशास्त्री व लेखक डॉ. पराकला प्रभाकर के धमाकेदार सत्र से हुआ। डॉ. पराकला प्रभाकर अपनी नई किताब द क्रुक्ड टिंबर ऑफ न्यू इंडिया: एसेज ऑन ए रिपब्लिक इन क्राइसिस पर चर्चा करते हुए मोदी सरकार को ही आईना दिखा डाला। लिटफेस्ट में आए लोगों ने भी डॉ. प्रभाकर की चर्चित किताब को हाथोंहाथ खरीदा।
डॉ. प्रभाकर ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था वर्तमान में जिन समस्याओं का सामना कर रही है, वह एक सामंजस्यपूर्ण आर्थिक रणनीति की कमी के कारण है और उनका कहना है कि यह प्रधानमंत्री के बयानों से लेकर सरकार द्वारा घोषित नीतियों से यह स्पष्ट है। डॉ. प्रभाकर का यह सत्र करीब डेढ़ घंटे चला। हरिंद्र बावेजा के प्रश्नों पर डॉ. प्रभाकर ने खुलकर चर्चा की। चर्चा के दौरान प्रभाकर ने मोदी शासन को अक्षम करार दिया।
कसौली लिटफेस्ट में मीडिया दिग्गज इंद्राणी मुखर्जी भी शामिल हुई। अपनी बेटी की हत्या के आरोप में 2460 दिन जेल में बिताने के बाद इंद्राणी मुखर्जी अपनी आत्मकथा ‘अनब्रोकन: द अनटोल्ड स्टोरी’ के जरिए अपना पक्ष रखा। देशभर में बहुचर्चित बेटी के कत्ल की कहानी आज भी लोगों में उत्सुकता जगा रही है। 2012 में इस हत्याकांड ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। सीबीआई ने बहुत जांच की, लेकिन आज भी गुत्थी अनसुलझी है। कसौली में आज इंद्राणी मुखर्जी ने अपना पक्ष रखा उन्होंने बताया कि अपने पूरे जीवन की किताब उपस्थित जनसमूह के समक्ष खोल दी। बचपन,जवानी, वैवाहिक जीवन और अन्य सभी मुद्दों पर बेबाकी से अपनी राय रखी। उन्होंने किस तरह उन्हें इस मामले में फसाया गया।
अपने संस्मरण, अनब्रोकन में, इंद्राणी पीछे नहीं हटती। गुवाहाटी में उनके बचपन से लेकर, 1980 के दशक में कोलकत्ता में बिताया गया समय, सपनों की नगरी मुंबई में एक मीडिया दिग्गज के रूप में उनके शानदार उत्थान तक, और अंत में, भायखला जेल में कैदी संख्या 1468 के रूप में बिताए गए 2460 दिन।
अपनी किताब में इंद्राणी ने कहा है कि आपने सुर्खियां देखी होंगी और अफवाहें सुनी होंगी। अब उस महिला की कहानी सुनिए जो इस सबके केंद्र में थी। 25 अगस्त 2015 इंद्राणी मुखर्जी के लिए एक ख़ुशी का दिन था – परिवार में एक जन्मदिन समारोह की योजना बनाई गई थी। लेकिन सब कुछ तब बदल गया जब उस दिन आनंद आश्रम से बाहर निकलते समय सादे कपड़ों में मुंबई पुलिस के अधिकारियों के एक समूह ने उनका सामना किया। आरोप: उनकी बेटी शीना बोरा की हत्या। जैसे ही खबर फैली और अधिक विवरण सामने आए, इंद्राणी ने खुद को एक सनसनीखेज हत्या की जांच के बीच में पाया। संदिग्धों की तेजी से बढ़ती सूची, एक भयावह साजिश की शुरुआत और घोटाले की तेज आहट-मीडिया में खून की गंध आ गई थी। और, जल्द ही, इंद्राणी पत्रकारों और टेलीविजन एंकरों की निर्दयी नजरों के घेरे में आ गई, जिससे वह एक घरेलू नाम बन गई।
फि़लिसाइड के आरोप, टूटी हुई शादियां, एक शक्तिशाली व्यापारिक साम्राज्य, अमीर और प्रसिद्ध, शक्तिशाली राजनेताओं का स्वर्णिम जीवन, और एक जटिल परिवार – इस मामले में यह सब था। उन्होंने कहा कि उनकी कहानी मानवीय रिश्तों की नाजुकता, विश्वासघात और दु:ख के विनाशकारी परिणाम और एक महिला की मानवीय लचीलेपन की शक्ति की बात करता है, जो इन सबके बावजूद अटूट बनी हुई है।
इसके बाद के सत्र में खुशवंत सिंह के बेटे और लिटफेस्ट के आयोजक राहुल सिंह, जयदीप मुखर्जी और आर.गोपाल कृष्णन ने भाग लिया। इस सत्र में इंडियन टेनिस पर विस्तार से चर्चा हुई। साथ में डेविस कप के बारे में विस्तार से चर्चा की।