2300 करोड़ का क्रिप्टो घोटाला, हिमाचल और पंजाब में ED की रेड, संपत्ति फ्रीज

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By संजीव अवस्थी

शिमला: प्रवर्तन निदेशालय (ED) शिमला ने 2300 करोड़ रुपये के चर्चित क्रिप्टो करेंसी पोंजी घोटाले में अपना शिकंजा कस दिया है। 13 दिसंबर 2025 को एजेंसी ने मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत हिमाचल प्रदेश और पंजाब में 8 अलग-अलग जगहों पर छापेमारी की। यह पूरा मामला एक फर्जी क्रिप्टो स्कीम से जुड़ा है, जिसमें हिमाचल और पंजाब के लाखों निवेशकों को ठगा गया है।

मास्टरमाइंड देश से फरार, पुलिस FIR पर ED की कार्रवाई

ED ने यह जांच हिमाचल और पंजाब के पुलिस थानों में दर्ज कई FIR के आधार पर शुरू की है। इस पूरे खेल का मास्टरमाइंड सुभाष शर्मा है, जो 2023 में ही देश छोड़कर भाग चुका है। सुभाष और उसके साथियों ने Korvio, Voscrow, DGT, Hypenext और A-Global जैसे फर्जी क्रिप्टो प्लेटफॉर्म बनाकर लोगों को मोटे मुनाफे का लालच दिया। जांच में सामने आया है कि ये प्लेटफॉर्म पूरी तरह से फर्जी थे और पोंजी स्कीम की तर्ज पर चलाए जा रहे थे, जहां नए निवेशकों का पैसा पुराने निवेशकों को देकर भरोसा जीता जाता था।

बिल्डरों के जरिए पैसे खपाने का खुलासा

ED की तलाशी में कई चौंकाने वाली बातें सामने आई हैं। आरोपी बार-बार अपने प्लेटफॉर्म का नाम बदलते थे और फर्जी टोकन की कीमतें खुद ही तय करते थे। ठगी के पैसे को वैध आय दिखने के लिए नामी बिल्डरों, फर्जी कंपनियों और रिश्तेदारों के बैंक खातों का इस्तेमाल किया गया। रेड के दौरान ऐसे बिल्डरों के यहां भी जांच की गई। एजेंटों ने कमीशन के लालच में करोड़ों रुपये कमाए और नए लोगों को फंसाने के लिए विदेश यात्राओं जैसे लुभावने ऑफर दिए।

रोक के बावजूद बेच दी जमीन

जांच में एक बड़ी लापरवाही भी पकड़ी गई है। आरोपी विजय जुनेजा (जिसे हिमाचल पुलिस ने 2025 में गिरफ्तार किया था) ने पंजाब के जीरकपुर में 15 प्लॉट बेच दिए। हैरानी की बात यह है कि 4 नवंबर 2023 को ही प्रशासन ने इन संपत्तियों को फ्रीज करने का आदेश दिया था और इसकी जानकारी पंजाब सरकार के राजस्व विभाग को भी थी, फिर भी कानून को ताक पर रखकर यह सौदा किया गया।

करोड़ों की संपत्ति और दस्तावेज जब्त

ताजा छापेमारी में ED ने 3 लॉकर और करीब 1.2 करोड़ रुपये की एफडी व बैंक बैलेंस को फ्रीज किया है। इसके अलावा, बेनामी संपत्तियों के दस्तावेज, निवेशकों का डेटा और कई डिजिटल डिवाइस जब्त किए गए हैं। इन दस्तावेजों से साफ पता चलता है कि ठगी के पैसे से बड़े पैमाने पर संपत्तियां खरीदी गई थीं। मामले की जांच अभी जारी है।

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संजीव अवस्थी

समाचार रिपोर्टिंग में 25 वर्षों से अधिक का अनुभव है। हिमाचल प्रदेश के कुछ सबसे प्रतिष्ठित दैनिक समाचार पत्रों में व्यापक योगदान दिया है। पिछले कई वर्षों से, विभिन्न ऑनलाइन समाचार प्लेटफार्मों के साथ सक्रिय रूप से जुड़े रहे हैं और बदलते डिजिटल मीडिया परिदृश्य के साथ तालमेल बिठाते रहे हैं।