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सोलन: नौणी विश्वविद्यालय के छात्रों ने 250 पेड़ लगाकर डॉ. परमार को दी श्रद्धांजलि

सोलन: डॉ. यशवंत सिंह परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी के वानिकी महाविद्यालय ने इस वर्ष एक नई पहल शुरू की है, जिसका उद्देश्य नए छात्रों को अपने डिग्री कार्यक्रम के दौरान देशी वृक्ष प्रजातियों को रोपने और उनका पोषण करके पर्यावरण संरक्षण में संलग्न होने के लिए प्रोत्साहित करना है। इस दो दिवसीय कार्यक्रम के दौरान 250 पेड़ लगाकर हिमाचल प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री स्वर्गीय डॉ. यशवंत सिंह परमार को उनकी जयंती की पूर्व संध्या पर  श्रद्धांजलि दी गई।

विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर राजेश्वर सिंह चंदेल और वैधानिक अधिकारियों ने विश्वविद्यालय में डॉ. परमार को पुष्पांजलि अर्पित की। प्रोफेसर चंदेल ने इस अवसर पर कहा कि ऐसे दूरदर्शी नेता के नाम पर विश्वविद्यालय का नाम होने समस्त विश्वविद्यालय परिवार के लिए गौरव और सम्मान की बात है। प्रो॰ चंदेल ने परिसर में देवदार का पेड़ लगाकर इस वृक्षारोपण अभियान का समापन किया। उन्होंने यह पहचानने में डॉ. परमार की दूरदर्शिता का उल्लेख किया कि टिकाऊ बागवानी और वन संसाधन भविष्य की आर्थिक समृद्धि के लिए आवश्यक हैं। वन संरक्षण पर छात्रों को शिक्षित करने के लिए वानिकी कॉलेज की पहल की सराहना की।

इससे पहले इस कार्यक्रम के शुभारंभ समारोह के दौरान वानिकी महाविद्यालय के डीन डॉ. सी.एल. ठाकुर ने बताया कि यह पहल ‘माई कैंपस, माई फॉरेस्ट’ थीम के तहत आयोजित की गई और विश्वविद्यालय की ओर से डॉ. परमार को श्रद्धांजलि है। उन्होंने कहा कि प्रथम वर्ष के स्नातक छात्र विश्वविद्यालय की खाली जमीन पर नए जंगल उगाकर अपनी शैक्षणिक यात्रा शुरू करेंगे। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि पहल का लक्ष्य वन विविधता के बारे में जागरूकता बढ़ाना और उसकी स्थिरता में योगदान देना है। लंबी आयु के लिए चुनी गई चयनित वृक्ष प्रजातियों की देखभाल और उनके अस्तित्व को सुनिश्चित करने की जिम्मेवारी छात्रों की होगी।

Plantation Drive by Forestry College

अपने संबोधन में निदेशक अनुसंधान डॉ. संजीव चौहान ने छात्रों को वन विविधता और इन पारिस्थितिक तंत्रों के सामने आने वाली चुनौतियों के बारे में अपनी समझ को गहरा करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखने और किसानों की जीविका और विभिन्न उद्योगों का समर्थन करने में वनों की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। डॉ. चौहान ने छात्रों से पर्यावरण-योद्धाओं के रूप में अपनी भूमिका निभाने और परिसर को हरा-भरा और स्वच्छ रखने में योगदान देने का आह्वान किया।

इस कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के सभी वैधानिक अधिकारियों, वानिकी कॉलेज के विभागों के विभाग अध्यक्ष, संकाय, कर्मचारियों और प्रथम वर्ष के बीएससी वानिकी छात्रों ने भाग लिया। डॉ. एल.एस. नेगी सभागार के निकट एक वृक्षारोपण अभियान में 250 देवदार एवं बान के पौधे रोपे गये।