धर्मशाला: प्रदेश सरकार वर्षा जल संग्रहण पर विशेष बल दे रही है और राज्य में जलागम कार्यक्रमों को प्रभावी ढंग से क्रिर्यान्वित करने के लिए राज्य ने 31 लाख हेक्टेयर क्षेत्र के लिए 4668 करोड़ रूपये की महत्वाकांक्षी योजना केंद्र सरकार को स्वीकृति के लिए भेजी गई है। यह जानकारी सिंचाई एवं जनस्वास्थ्य मंत्री श्री रविंद्र रवि ने शुक्रवार को 177$59 लाख रूपये की लागत से निर्मित होने वाली उठाऊ सिंचाई योजना कुहण व डोल का शिलान्यास करने के उपरान्त जनसभा को सम्बोधित करते हुए दी उन्होंने कहा कि हिमाचल सरकार किसानों के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाते हुए पेयजल के साथ-साथ किसानों की खेती भूमि को भी सिंचित करने के लिए कृत संकल्प है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के कुल बजट का 12 प्रतिशत कृषि के लिए खर्च किया जा रहा है। इस क्षेत्र में हिमाचल प्रदेश को पूरे भारत में प्रथम स्थान पर आंका गया है। उन्होंने इस सिंचाई योजना के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि इससे दो गांवों की 97 हैक्टेयर भूमि सिंचित होगी जिसका निर्माण जून, 2012 तक पूर्ण कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में 5 लाख 83 हजार हैक्टेयर खेती योग्य भूमि जिसमें 3 लाख 39 हजार हैक्टेयर भूमि सिंचाई योग्य है जिसमें से 2 लाख 85 हजार हैक्टेयर भूमि में 12 महीने सिंचाई सुविधा उपलब्ध करवा दी गई है।