ज्वालामुखी: राजधानी दिल्ली में 3 से 14 अक्तूबर तक होने वाले राष्ट्रमण्डल खेलों की क्वींस बैटन रिले विश्व भर का लम्बा सफर तय करने के बाद 5 जुलाई को विश्व प्रसिद्घ शक्तिपीठ ज्वालामुखी पहुंचेगी। भारत में लगभग 20 हजार किलोमीटर का सफर तय करते हुए बैटन लगभग सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों से गुजरेगी व 30 सितम्बर को राष्ट्रमण्डल खेलों के मुख्य समारोह
स्थल ज्वाहर लाल नेहरू स्टेडियम पहुंचेगी। क्वींस बैटन रिले ने गत बर्ष 29 अक्तूबर को लंदन के ऐतिहासिक बर्किघंम पैलेस से अपना सफर शुरू किया था। हिमाचल प्रदेश में बैटन रिले के सफर के अहम पड़ावों का निरीक्षण करने पहुंचे प्रदेश सामान्य प्रशासन विभाग के अतिरिक्त सचिव जे.आर. कटवाल ने प्रदेश में बैटन रिले कार्यक्रम की जानकारी देते हुए बताया कि बैटन रिले का चार जुलाई को सुबह 9 बजे हिमाचल प्रदेश के प्रवेश द्वार मैहतपुर पहुंचने पर भव्य स्वागत किया जाएगा। उन्होंने बताया कि बैटन रिले उसी दिन शाम केा जिला कांगडा के मुख्यालय धर्मशाला पहुंचेगी। बैटन रिले 5 जलाई को सुबह पौने आठ बजे ज्वालामुखी मंदिर पहुंचेगी व बैटन रिले दल के सभी सदस्य माँ ज्वाला के दर्शन करेंगे। पांच जुलाई को ही बैटन रिले हमीरपुर व बिलासपुर से होते हुए देर शाम शिमला पहुंचेगी। 6 जुलाई को सोलन व नाहन के रास्ते बैटन रिले दोपहर बाद 3 बजे पौंटा साहिब पहुंचेगी, जहां पर बैटन रिले को उतराखण्ड के सफर के लिए वहां के अधिकारीयों के सुपुर्द किया जाएगा। जे.आर.कटवाल ने बताया कि क्वींस बैटन रिले के हिमाचल प्रदेश के सफर को यादगार बनाने के लिए सभी जगहों पर जोरदार तैयारियां की जा रही है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में जहां से भी बैटन रिले गुजरेगी, उसका भव्य स्वागत किया जाएगा। उन्होंने कहा की इससे हिमाचल प्रदेश का नाम अन्र्तराष्ट्रीय स्तर पर और उंचा होगा। श्री कटवाल ने बताया कि बैटन रिले हिमाचल प्रदेश में लगभग 660 किलोमीटर का सफर तय करेगी। इस अवसर पर उनके साथ अर्जुन अवार्ड विजेता एवं खेल विभाग की उपनिदेशक सुमन रावत,एस.डी.एम.देहरा राकेश शर्मा व मंदिर अधिकारी सुदेश नैयर भी उपस्थित थे।