नाहन: नैनीहालों को यूं तो दुनिया भर में साहसिक कहानियां पढने और सुनने का शोक बचपन से ही होता है | मगर ऐसी साहसिक कहानियां एक नैनीहाल लिख डाले तो किसी हैरत से कम नही | यह कारनामा कर दिखाया है नाहन निवासी इंग्लैड में रहने वाले एक सात वर्षीय भारतीय शिवान ने | नाहन के हाऊसिंग बोर्ड निवासी विनीत शर्मा के 7 वर्षिय पुत्र शिवान ने इंग्लैड एं भारत के साथ हिमाचल का नाम रोशन किया है | लंदन के रैडिंग शहर में रहने वाला शिवान तीसरी कक्षा का छात्र है | शिवान को खाली समय में लिखने का बहुत शौक है | अपनी पहली किताब ‘द केसल ड्रैग्न एण्ड क्रिकेक बॉल’ एं उसने प्लानिंग क्रिकेट मोर ड्रैग्न, द किंग द टनलस और लास्ट बैटल विषयों पर कहानी लिखी है | नाहन के रहने वाले शिवान के दादा एस. एस. शर्मा ने बताया कि साहसिक कहानियों की किताब लिखने की प्रेरणा अपनी मां से मिली जो बचपन से ही उसे ऐसी कहानियां सुना रही है | उन्होने बताया कि शिवान को ‘द केसल ड्रैग्न एण्ड क्रिकेक बॉल’ लिखने का ख्याल उस वक्त आया जब क्रिकेट खेलते समय उसकी गेंद नजदीक के कैसल में जा गिरी | वह बॉल को ढूंढने अपने दोस्त के साथ पुराने कैसल में पहुंचा और परिकल्पना में ड्रैग्न से उसका सामना हुआ और इसी को आधार मानकर शिवान ने यह किताब रची | शिवान के पिता एंव माता प्रीति शर्मा पिछले कई सालों से इग्लैड में सेवारत है | अराईमा पब्लिशिंग इग्लैड द्वारा प्रकाशित यह पुस्तक यूरोप, अमेरीका, इग्लैड व कनाडा में धूम मचा रही है |
नाहन: नैनीहालों को यूं तो दुनिया भर में साहसिक कहानियां पढने और सुनने का शोक बचपन से ही होता है | मगर ऐसी साहसिक कहानियां एक नैनीहाल लिख डाले तो किसी हैरत से कम नही | यह कारनामा कर दिखाया है नाहन निवासी इंग्लैड में रहने वाले एक सात वर्षीय भारतीय शिवान ने | नाहन के हाऊसिंग बोर्ड निवासी विनीत शर्मा के 7 वर्षिय पुत्र शिवान ने इंग्लैड एं भारत के साथ हिमाचल का नाम रोशन किया है | लंदन के रैडिंग शहर में रहने वाला शिवान तीसरी कक्षा का छात्र है | शिवान को खाली समय में लिखने का बहुत शौक है | अपनी पहली किताब ‘द केसल ड्रैग्न एण्ड क्रिकेक बॉल’ एं उसने प्लानिंग क्रिकेट मोर ड्रैग्न, द किंग द टनलस और लास्ट बैटल विषयों पर कहानी लिखी है |
नाहन के रहने वाले शिवान के दादा एस. एस. शर्मा ने बताया कि साहसिक कहानियों की किताब लिखने की प्रेरणा अपनी मां से मिली जो बचपन से ही उसे ऐसी कहानियां सुना रही है | उन्होने बताया कि शिवान को ‘द केसल ड्रैग्न एण्ड क्रिकेक बॉल’ लिखने का ख्याल उस वक्त आया जब क्रिकेट खेलते समय उसकी गेंद नजदीक के कैसल में जा गिरी | वह बॉल को ढूंढने अपने दोस्त के साथ पुराने कैसल में पहुंचा और परिकल्पना में ड्रैग्न से उसका सामना हुआ और इसी को आधार मानकर शिवान ने यह किताब रची | शिवान के पिता एंव माता प्रीति शर्मा पिछले कई सालों से इग्लैड में सेवारत है | अराईमा पब्लिशिंग इग्लैड द्वारा प्रकाशित यह पुस्तक यूरोप, अमेरीका, इग्लैड व कनाडा में धूम मचा रही है |