8.80 कि.मी.रोहतांग टनल परियोजना का कार्य जून से आरंभ होगा

शिमला: 8.80 कि.मी. लम्बी महत्वाकांक्षी रोहतांग सुरंग परियोजना का निर्माण कार्य इस वर्ष जून से आरंभ होगा। इसे फरवरी, 2015 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। यह जानकारी मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल ने आज यहां सीमा सड़क संगठन की रोहतांग टनल परियोजना के मुख्य अभियंता श्री पी.के. महाजन के साथ हुई एक बैठक में दी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह परियोजना पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी का सपना था, जिन्होंने जनजातीय लाहौल घाटी के लोगों को बर्फवारी के दौरान रोहतांग दर्रे के बंद हो जाने के कारण होने वाली मुश्किलों को देखते हुए इस परियोजना को स्वीकृत किया था। उन्होंने कहा कि श्री वाजपेयी के निर्देश पर ही सुरंग निर्माण का सर्वेक्षण कार्य किया गया था और विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार की गई थी। पूरी परियोजना की कीमत 1458 करोड़़ रुपये आंकी गई थी। उन्होंने कहा कि सर्दियों के महीनों में रोहतांग दर्रा (13050 फुट) पैदल पार करने वाले यात्रियों की सुरक्षा के दृष्टिगत राज्य सरकार विशेष कदम उठाती है और दर्रे के दोनों ओर बचाव चौकियां स्थापित की जाती हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार उस समय, जब सभी संचार सम्पर्क क्रियाशील नहीं रहते, तब चंबा जिला के जनजातीय क्षेत्र पांगी के किलाड़ तक के निवासियांे को हेलीकॉप्टर सेवाएं प्रदान करती है। उन्होंने कहा कि प्रस्तावित सुरंग परियोजना न केवल घाटी को वर्ष पर्यन्त सड़क सुविधा प्रदान करेगी, बल्कि यात्रा समय और दूरी को भी कम करेगी।

प्रो. धूमल ने कहा कि कुल्लू-मनाली घाटी को विश्व स्तर पर सर्वश्रेष्ठ पर्यटक स्थल माना जाता है, जहां वर्ष भर बड़ी संख्या में सैलानी घूमने आते हैं। उन्होंने कहा कि सुरंग के निर्माण से पर्यटक लाहौल घाटी के अनछुए क्षेत्रों तक आसानी से आ जा सकेंगें। इससे एक ओर जहां पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा, वहीं स्थानीय युवाओं को रोज़गार व स्वरोज़गार के अवसर भी प्राप्त होंगे। उन्होंने कहा कि इससे मनाली और केलंग की दूरी में 46 किलोमीटर की कमी आएगी।

मुख्यमंत्री ने प्रदेश के जनजातीय और दुर्गम क्षेत्रों में सीमा सड़क संगठन द्वारा किए जा रहे निर्माण कार्य की सराहना करते हुए कहा कि यह सचमुच एक दुरूह कार्य है। उन्होंने कहा कि दो कठिन सड़क मार्गों मनाली-लेह और हिन्दुस्तान तिब्बत मार्ग का रखरखाव सीमा सड़क संगठन द्वारा किया जा रहा है और लाहौल घाटी में दारचा-शिंकोला मार्ग और हिन्दुस्तार तिब्बत मार्ग पर धादरा ढ़ होगा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे रोहतांग सुरंग के निर्माण में कार्यरत एजेंसी को हर संभव सहयोग प्रदान करें तथा सभी औपचारिकताओं को शीघ्र पूरा करें, ताकि रोहतांग सुरंग का निर्माण कार्य जून माह में आरंभ किया जा सके।

रोहतांग सुरंग परियोजना के मुख्य अभियंता श्री पी.के. महाजन ने मुख्यमंत्री को इस संबंध में की जा रही तैयारियों की जानकारी देते हुए बताया कि जून में परियोजना निर्माण के प्रस्तावित कार्य को आरंभ करने के सभी प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सुरंग की खुदाई के लिए अत्याधुनिक यंत्र प्रयोग में लाए जाएंगे तथा 8.80 कि.मी. लंबी सुरंग परियोजना का निर्माण कार्य तयशुदा समय सीमा फरवरी 2015 में पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि कार्य आरंभ होने पर इसमें किसी प्रकार की देरी नहीं होने दी जाएगी। उन्होंने परियोजना अधिकारियों को स्थानीय प्रशासन की तरफ से हर संभव सहयोग उपलब्ध करवाने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने मुख्यमंत्री को विश्वास दिलाया कि रोहतांग सुरंग का निर्माण कार्य समय पर आरंभ होगा और समय पर ही पूरा किया जाएगा।

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