मंडी: हिमाचल प्रदेश सरकार की मुख्यमंत्री कार्प मत्स्य पालन योजना मंडी जिले के बेरोजगार युवाओं के लिए आत्मनिर्भरता का एक बड़ा जरिया बन रही है। 80 प्रतिशत की भारी-भरकम सब्सिडी के साथ शुरू की गई यह योजना युवाओं को स्वरोजगार की ओर आकर्षित कर रही है, जिससे वे अच्छी आय अर्जित कर रहे हैं।
सहायक निदेशक मत्स्य, नीतू सिंह ने बताया कि पिछले वित्तीय वर्ष (2024-25) में जिले के 16 बेरोजगार युवाओं ने इस योजना के तहत अपने तालाब बनाए और अब वे कार्प मछली पालन से मुनाफा कमा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस वर्ष भी दो और युवाओं को योजना के तहत मंजूरी दी गई है और उन्होंने तालाब निर्माण का काम शुरू कर दिया है।

क्या है मुख्यमंत्री कार्प मत्स्य पालन योजना?
2024 में शुरू की गई इस योजना का उद्देश्य युवाओं को मछली पालन के लिए प्रोत्साहित करना है। इसके तहत एक हेक्टेयर में तालाब निर्माण की कुल लागत 12.40 लाख रुपये आंकी गई है, जिस पर सरकार सभी वर्गों के लाभार्थियों को 80 प्रतिशत का अनुदान दे रही है। इस लागत में तालाब निर्माण के साथ-साथ मछली के बीज और चारे जैसे खर्चे भी शामिल हैं।
नीतू सिंह ने कहा कि मंडी जिले की जलवायु और जल संसाधन मछली पालन के लिए बेहद अनुकूल हैं। विभाग का लक्ष्य अधिक से अधिक युवाओं को इस क्षेत्र से जोड़कर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करना है। चयनित युवाओं को आधुनिक तकनीक, रोग प्रबंधन और मार्केटिंग का प्रशिक्षण भी विभाग द्वारा दिया जा रहा है।
कैसे करें आवेदन?
योजना का लाभ उठाने के इच्छुक बेरोजगार युवा, जिनके पास अपनी जमीन है या जिन्होंने कम से कम 7 साल के लिए जमीन पट्टे पर ली है, वे मंडी स्थित सहायक निदेशक मत्स्य के कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त, केंद्र सरकार की ‘प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना’ के तहत भी 40 से 60 प्रतिशत तक का अनुदान दिया जाता है।