नाहन: खेल जीवन का अभिन्न अंग है। विभिन्न खेलों के खेलने से हमारी शारीरिक, मानसिक सेहत में सुधार होता है। शतरंज ऐसा ही एक खेल है, शतरंज जिसकी लोकप्रियता सिरमौर जिले में दिन प्रतिदिन बढ़ रही है । इसको नाहन में लोकप्रिय का श्रेय शैलजा ठाकुर को जाता है । शैलजा ठाकुर सिरमौर डिस्ट्रिक्ट चैस एसोसिएशन की प्रधान है। शैलजा ठाकुर ने HillsPost से बात करते हुए बताया कि उन्होंने लगभग 3 साल पहले यह पदभार भगत सिंह ठाकुर के बाद लिया था। जिन्होंने अपने कार्यकाल में एसोसिएशन के लिए बेहतरीन काम किया और भगत सिंह ठाकुर ही नक़्शे कदम पर चलते हुए वो काम कर रही हैं।
शैलजा ठाकुर ने बताया कि सिरमौर चैस एसोसिएशन ने पिछले 3 सालों में लगभग 15 से 20 टूर्नामेंट का सफल आयोजन किया है। और जिले के 50 से ऊपर बच्चे नेशनल लेवल प्रतियोगिता में भाग ले चुकें हैं। और इनमे से कुछ खिलाडी तो लगातार नेशनल प्रतियोगिता में हिस्सा ले रहे हैं। लड़कियों के वर्ग में सुर्यांशी शर्मा ने हिमाचल में नंबर वन की रेटिंग भी हासिल की थी और बॉयज में स्वस्तिक शर्मा हिमाचल में पहले 3 रेटिंग में रहे। सिरमौर चैस एसोसिएशन ने उनके कार्यकाल में कुछ खास उपलब्धियों भी हासिल की हैं जिनमे नाहन जेल में कैदियों के लिए भी टूर्नामेंट का आयोजन करना और एसोसिएशन द्वारा ब्लाइंड बच्चों के लिए भी राज्य स्तरीय प्रतियोगिता का आयोजन किया जाना शामिल हैं इसके इलावा राज्य स्तरीय नर्सिंग कॉलेज की चैस प्रतियोगिता भी करना हैं
सिरमौर चैस एसोसिएशन प्रयासरत है कि आने वाले कुछ सालों में नेशनल लेवल की प्रतियोगिता नाहन में आयोजित करवाए जिससे यहाँ के युवाओं को चैस में खेलने और जिले और प्रदेश का नाम रोशन करने की प्रेरणा मिले। एसोसिएशन द्वारा चैस इन स्कूल नाम से एक प्रोग्राम भी चलाया जा रहा जिसमे स्कूल के बच्चों को चैस सिखाई जाती है। अभी इस मिशन के अंदर पौंटा साहिब के दून वैली और स्कौलर होम स्कूल के बच्चे चैस सीख रहे हैं।
शैलजा ठाकुर का लक्ष्य है कि आने वाले समय में इस प्रोग्राम को जिले के अन्य स्कूल और कॉलेज से भी जोड़ा जायेगा ताकि युवा वर्ग चैस खेलने को प्रेरित हो। शैलजा ने बताया कि जिला युवा सेवा एवं खेल विभाग नाहन में चैस की एक एकेडमी भी चलायी जा रही हैं, जहाँ पर खिलाडियों के लिए चैस सीखने का प्रशिक्षण दिया जाता है । और इस एकेडमी की फीस प्रतिमाह मात्र 100 रूपए है और इस एकेडमी में सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों और बीपीएल के बच्चों के लिए यहाँ प्रवेश निशुल्क है । शैलजा ने कहा कि उनका लक्ष्य है की चैस में जल्द ही सिरमौर को भारत का सिरमौर बनाने का है ।