नाहन: सीटू (सीटू) जिला कमेटी की एक महत्वपूर्ण बैठक इंदिरा तोमर की अध्यक्षता में नाहन में आयोजित की गई। इस बैठक में सीटू जिला महासचिव आशीष कुमार ने केंद्र की मोदी सरकार की मजदूर, किसान, कर्मचारी, और जनता विरोधी नीतियों के खिलाफ लगातार संघर्ष जारी रखने का संकल्प लिया।
बैठक में चर्चा की गई कि मजदूरों का न्यूनतम वेतन 26,000 रुपये प्रति माह निर्धारित करने की मांग को केंद्र और प्रदेश सरकारों से लंबे समय से उठाया जा रहा है। आशीष कुमार और इंदिरा तोमर ने बताया कि प्रदेश में मिनी आंगनवाड़ी वर्कर्स का शोषण हो रहा है। पिछले 9 महीनों से इन कार्यकर्ताओं का वेतन नहीं मिल रहा है, और केंद्र से मिलने वाले हिस्से में भी कमी आई है, जो इन कर्मियों के साथ अन्याय है।
मिड डे मील वर्कर्स के लिए अप्रैल से बढ़ा हुआ मानदेय अब तक नहीं मिला है। सीटू जिला कमेटी ने मांग की है कि मिड डे मील वर्कर्स को भी उनका बढ़ा हुआ वेतन एरियर सहित तुरंत दिया जाए, अन्यथा आंदोलन की चेतावनी दी गई।
बैठक में ठेका मजदूरों की रोजगार सुरक्षा सुनिश्चित करने, उन्हें नियमित कर्मियों के बराबर वेतन देने, और आउटसोर्स कर्मियों के लिए स्थाई नीति बनाने की भी मांग की गई। इसके अलावा, आंगनबाड़ी और मिड डे मील कर्मियों को नियमित करने और उन्हें सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने का निर्णय लिया गया।
सीटू ने मनरेगा और निर्माण मजदूरों के लिए श्रमिक कल्याण बोर्ड से आर्थिक लाभ और पंजीकरण सुविधा को बहाल करने की मांग की। साथ ही, एसटीपी मजदूरों के लिए शेड्यूल एम्प्लॉयमेंट घोषित करने, आउटसोर्स व अस्पताल कर्मियों के लिए नीति बनाने, और औद्योगिक मजदूरों के लिए 40 प्रतिशत अधिक वेतन की मांग पर भी चर्चा की गई।
आशीष कुमार ने सभी मजदूरों से साम्प्रदायिकता के खिलाफ लड़ने का आह्वान किया और इसे सरकार का मुख्य मुद्दे से जनता का ध्यान भटकाने की साजिश करार दिया। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा रोजगार छीनने के आरोप गलत हैं, और असली समस्या ऑनलाइन शॉपिंग प्लेटफॉर्मों से है।
बैठक में यह निर्णय लिया गया कि सीटू मजदूरों और मोदी सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ आंदोलन तेज करेगी। सभी कर्मियों को न्यूनतम वेतन 26,000 रुपये प्रति माह देने और आउटसोर्स कर्मियों के लिए स्थाई नीति बनाने की मांग की जाएगी।
बैठक में इंदिरा तोमर, माया, मिड डे मील नाहन ब्लॉक के अध्यक्ष संदीप, बाला राम, सीता तोमर, शीला, प्रोजेक्ट शिलाई की अध्यक्षा शामा, अनिता, प्रोमिला, बसंती, किरण सहित विभिन्न यूनियनों के पदाधिकारी उपस्थित रहे।
यह बैठक श्रमिकों के अधिकारों के प्रति सीटू की प्रतिबद्धता को दर्शाती है और भविष्य में बड़े आंदोलनों के लिए एक मंच प्रदान करती है।