शिमला: हिमाचल प्रदेश के सैंकड़ों आंगनबाड़ी कर्मियों और हैल्परज़ यूनियन ने आज सीटू के बैनर तले विधानसभा शिमला के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया। बताया जाता है कि प्रदेशभर के आंगनबाड़ी कर्मी सुबह ग्यारह बजे पंचायत भवन शिमला में एकत्रित होने के बाद एक जुलूस के रूप में विधानसभा की ओर निकल पड़े | शिमला रेलवे स्टेशन के समीप पुलिस प्रशासन ने जब जुलूस को रोका तो प्रदर्शनकारी नाराज हो गए। इसके बाद उन्होंने लगभग नेशनल हाइवे पर चक्का जाम कर दिया। बताते हैं कि पुलिस प्रशासन ने एक बार दोबारा विधानसभा चौक पर रोकने की कोशिश की तो प्रदर्शनकारी वहीं बैठ गए व नारेबाजी शुरू कर दी। प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों व पुलिस प्रशासन में लगातार टकराव की स्थिति बनी रही।
प्रदर्शन के दौरान यूनियन का प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मिला व उन्हें बारह सूत्रीय मांग-पत्र सौंपा। मुख्यमंत्री ने आगामी बजट में कर्मियों की मांगों को पूर्ण करने का आश्वासन दिया। यूनियन ने कहा है कि अगर बजट में मांगें पूर्ण न हुईं तो 28-29 मार्च को आंगनबाड़ी कर्मी राष्ट्रव्यापी हड़ताल में शामिल होकर आंदोलन तेज करेंगे।
यूनियन अध्यक्षा नीलम जसवाल व महासचिव वीना शर्मा ने कहा कि प्रदेशव्यापी हड़ताल के दौरान प्रदेश के अठारह हज़ार आंगनबाड़ी केंद्र बन्द रहे व लगभग सेंतीस हज़ार आंगनबाड़ी योजनाकर्मी प्रदेशव्यापी हड़ताल पर रहे। उन्होंने मांग की है कि आंगनबाड़ी कर्मियों को प्री प्राइमरी में तीस के बजाए सौ प्रतिशत नियुक्ति दी जाए। इस नियुक्ति प्रक्रिया में 45 वर्ष की शर्त को खत्म किया जाए। उन्होंने कहा कि प्री प्राइमरी कक्षाओं व नई शिक्षा नीति के तहत छोटे बच्चों को पढ़ाने का जिम्मा केवल आंगनबाड़ी कर्मियों को दिया जाए क्योंकि वे पहले से ही काफी प्रशिक्षित कर्मी हैं। मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों में कार्यरत कर्मियों को पूर्ण कर्मी का दर्ज़ा दिया जाए व उन्हें आंगनबाड़ी कर्मियों के बराबर वेतन दिया जाए।
आंगनबाड़ी कर्मियों को नेशनल रूरल हेल्थ मिशन के तहत वर्ष 2013 की बकाया राशि का भुगतान तुरन्त किया जाए। सुपरवाइजर नियुक्ति में आंगनबाड़ी कर्मियों की नब्बे प्रतिशत भर्ती सुनिश्चित की जाए व इसकी पात्रता के लिए भारतवर्ष के किसी भी मान्यता प्राप्त विश्विद्यालय की डिग्री को मान्य किया जाए। वरिष्ठता के आधार पर मेट्रिक व ग्रेजुएशन पास तथा दस साल का कार्यकाल पूर्ण करने वाले कर्मियों की सुपरवाइजर श्रेणी में तुरन्त भर्ती की जाए। आंगनबाड़ी कर्मियों को अन्य राज्यों की तर्ज़ पर सरकारी कर्मचारी का दर्जा दिया जाए। उन्हें वर्ष 2013 व 2014 में हुए 45वें व 46वें भारतीय श्रम सम्मेलन की सिफारिश अनुसार नियमित कर्मी का दर्ज़ा दिया जाए व श्रम कानूनों के दायरे में लाया जाए। उन्हें हरियाणा की तर्ज़ पर साढ़े ग्यारह हजार रुपये वेतन दिया जाए। उनकी रिटायरमेंट की आयु अन्य राज्यों की तर्ज़ पर 65 वर्ष की जाए। अन्य राज्यों की तर्ज़ पर उन्हें दो लाख रुपये ग्रेच्युटी,तीन हज़ार रुपये पेंशन,मेडिकल व छुट्टियों आदि की सुविधा लागू की जाए।
विधानसभा पर हुई जनसभा को सीटू राष्ट्रीय सचिव डॉ कश्मीर ठाकुर, प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा, महासचिव प्रेम गौतम, जगत राम, यूनियन अध्यक्षा नीलम जसवाल, महासचिव वीना शर्मा, खीमी भंडारी, सुदेश ठाकुर, सुमित्रा देवी, हमिन्द्री देवी, किरण भंडारी, बिमला देवी, सुलोचना देवी,आशा देवी, लज़्या ठाकुर, कौशल्या देवी, पिंगला गुप्ता, राजकुमारी, हरदेई देवी, कंचन देवी, इंदु देवी,अंजना देवी, निर्मला देवी, राजेश शर्मा, राजेश ठाकुर, कुलदीप डोगरा,अजय दुलटा, रमाकांत मिश्रा व बालक राम आदि ने सम्बोधित किया।