चूड़धार यात्रा में जेठ संक्रांति पर वार्षिक लंगर आरंभ, वन्य जीव शुल्क को लेकर भक्तों में रोष

नाहन : शिरगुल महाराज की तपोस्थली चूड़धार में जेठ संक्रांति के पावन अवसर पर वार्षिक लंगर का शुभारंभ पिछले कल से शुरू हो गया है। पहले ही दिन सैकड़ों श्रद्धालुओं ने भण्डारे में प्रसाद ग्रहण किया। यह आयोजन चूडेश्वर सेवा समिति द्वारा पिछले 20 से 25 वर्षों से भक्तों के सहयोग से नियमित रूप से किया जा रहा है।

जैसा कि विदित है, चूड़धार यात्रा बिजट महाराज के आशीर्वाद से वैसाखी से आरंभ मानी जाती है और देवउठनी एकादशी (कार्तिक मास) तक चलती है। इस बार सरांह-चौपाल इकाई के स्वयंसेवकों ने पहले ही दिन सेवा प्रदान की। वहीं सरांह हामल के लोगों ने सामूहिक पयाशली (प्रार्थना सभा) का आयोजन किया, जिसमें क्षेत्र की सुख-शांति, अच्छी फसल और उत्तम स्वास्थ्य के लिए शिरगुल महाराज से कामना की गई।

इस पावन अवसर पर क्षेत्र के कई प्रमुख लोग और श्रद्धालु उपस्थित रहे, जिनमें नम्बरदार मोहर सिंह, सूर्य प्रकाश ठाकुर, जोगिन्द्र ठाकुर, देवेन्द्र ठाकुर, सोमदेव, नितिश सहित चूडेश्वर सेवा समिति के सदस्य अमर सिंह शास्त्री, बालक राम हिमटा, दिनेश भण्डारी, प्रताप नेगी, दीप राम शास्त्री तथा राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी ललित कुमार हिमटा शामिल रहे।

भक्तजनों की एक बैठक में वन्य जीव प्राणी विभाग द्वारा श्रद्धालुओं से वसूले जा रहे शुल्क पर कड़ा विरोध दर्ज किया गया। वक्ताओं ने इस शुल्क को “मुगलकालीन जजिया कर” बताते हुए इसे तुरंत समाप्त करने की मांग की। श्रद्धालुओं ने चेतावनी दी कि यदि यह शुल्क वापस नहीं लिया गया तो क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों का एक शिष्टमंडल माननीय मुख्यमंत्री से मुलाकात करेगा, साथ ही आवश्यकता पड़ने पर न्यायालय की शरण भी ली जाएगी।

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पंकज जयसवाल

पंकज जयसवाल, हिल्स पोस्ट मीडिया में न्यूज़ रिपोर्टर के तौर पर खबरों को कवर करते हैं। उन्हें पत्रकारिता में करीब 2 वर्षों का अनुभव है। इससे पहले वह समाज सेवी संगठनों से जुड़े रहे हैं और हजारों युवाओं को कंप्यूटर की शिक्षा देने के साथ साथ रोजगार दिलवाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है।