डॉ॰ यशवंत सिंह परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी और विवि के कृषि विज्ञान केंद्रों और अनुसंधान स्टेशनों में बागवानों के लिए फलदार पौधे की वार्षिक बिक्री सोमवार से पहले आओ पहले पाओ के आधार पर शुरू हो गई। फल रोपण सामग्री की वार्षिक बिक्री के लिए हिमाचल प्रदेश और आसपास के राज्यों के किसान-बागवान विश्वविद्यालय और क्षेत्रीय केन्द्रों पर एकत्रित हुए।
इस बिक्री के दौरान किसानों द्वारा सेब, नाशपाती, खुमानी, आड़ू, चेरी, कीवीफ्रूट, अखरोट, अनार, प्लम, जापानी फल आदि की विभिन्न किस्मों को खरीदा गया। हिमाचल और आसपास के राज्यों के विभिन्न हिस्सों से किसान विभिन्न किस्मों के फलों के पौधे खरीदने के लिए विश्वविद्यालय और अनुसंधान केंद्रों पर आए। बिक्री के पहले दिन 537 किसानों ने नौणी में विश्वविद्यालय के मुख्य परिसर में तीन नर्सरियों- फल विज्ञान विभाग की नर्सरी,मॉडल फार्म, बीज विज्ञान, कंडाघाट, रोहड़ू में कृषि विज्ञान केंद्र और मशोबरा और शारबो (किन्नौर) में अनुसंधान केंद्रों से विभिन्न फलों की किस्मों के 16,173 पौधे खरीदे।
इसके अतिरिक्त, कुल्लू जिले के बजौरा में विश्वविद्यालय के क्षेत्रीय बागवानी अनुसंधान और प्रशिक्षण स्टेशन ने 9 दिसंबर से पौधों की बिक्री शुरू कर दी थी। इस स्टेशन से अब तक 292 किसानों ने विभिन्न फलों और किस्मों के 11,512 पौधे खरीदे हैं। इस तरह इस बिक्री में अब तक विश्वविद्यालय द्वारा कुल 829 किसानों को 27,685 पौधे बेचे गए हैं।
इस वर्ष, किसानों ने फलों की फसलों के विविधीकरण के प्रति रुचि दिखाई है और सेब की विभिन्न किस्मों के साथ-साथ जापानी फल, कीवी और अन्य गुठलीदार फलों की मांग में वृद्धि देखी गई।
इस वर्ष, विश्वविद्यालय और क्षेत्रीय स्टेशनों पर बिक्री के लिए उपलब्ध पौधों की कुल संख्या 2 लाख से अधिक है। यह सेल, पहले आओ पहले पाओ के आधार पर आयोजित की जा रही है और आने वाले दिनों में भी जारी रहेगी।