APG शिमला विश्वविद्यालय में फैकल्टी डेवलपमेंट कार्यक्रम सफलतापूर्वक संपन्न

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By Hills Post

शिमला: ए.पी.जी. शिमला विश्वविद्यालय में उच्च शिक्षा नीति में उभरते रुझान: शिक्षण और नवोन्मेषी अनुसंधान के भविष्य को आकार देना विषय पर आयोजित एक सप्ताह तक चलने वाला फैकल्टी डेवलपमेंट कार्यक्रम का शुक्रवार को सफलतापूर्वक संपन्न हो गया।

इस कार्यक्रम में एपीजी शिमला विश्वविद्यालय के सभी संकायों के शिक्षकों, प्राध्यापकों और विभागाध्यक्षों और अधिष्ठाताओं ने भाग लिया, जबकि हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से पूर्व प्रोफेसर डॉ. पी.के. आहलुवालिया, भूगोल विभाग के अध्यक्ष एवं सरदार पटेल विश्वविद्यालय मंडी के पूर्व कुलपति प्रो. देव दत्त शर्मा, रसायन विज्ञान विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर और अध्यक्ष डॉ. संदीप चौहान और एपीजी शिमला विश्वविद्यालय की ओर से डीन इंजीनियरिंग प्रो. डॉ.अंकित ठाकुर, प्रो. डॉ. आनंद मोहन डीन एकेडमिक्स और डॉ. देविका राणा यूजीसी-एनईपी समन्वयक ने फैकल्टी डेवलपमेंट कार्यक्रम में बतौर विशेषज्ञ व रिसोर्स पर्सन शिरकत की।

फैकल्टी डेवलपमेंट कार्यक्रम की समन्वयक डॉ. मनिंदर कौर ने बताया कि इस फैकल्टी डेवलपमेंट का उद्देश्य नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप उच्च शिक्षा नीतियों, अनुसंधान एकीकरण और मूल्यांकन प्रथाओं की उभरती गतिशीलता पर संकाय सदस्यों की समझ को बढ़ाना था। डॉ. मनिंदर कौर ने बताया कि एपीजी शिमला विश्वविद्यालय और अन्य शैक्षणिक संस्थानों के कुल साठ संकाय सदस्य और प्रयोगशाला तकनीशियन इस कार्यक्रम में शामिल हुए। कार्यक्रम के सभी सत्रों के सफल संचालन के लिए डॉ. भावना वर्मा, डॉ. देविका राणा, भारती नांटा और महक कौर ने सहयोग दिया।

फैकल्टी डेवलपमेंट कार्यक्रम के पहले सत्र की शुरुआत हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला के पूर्व डीन (योजना और शिक्षक मामले) प्रोफेसर पी. के. आहलुवालिया के ज्ञानवर्धक उद्बोधन के साथ हुई, जिसका विषय नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत अनुसंधान एवं विकास के आयाम था। प्रो. आहलुवालिया ने उभरती वैश्विक और राष्ट्रीय चुनौतियों का सामना करने के लिए एक मजबूत अनुसंधान पारिस्थितिकी तंत्र की आवश्यकता पर प्रकाश डाला।

फैकल्टी डेवलपमेंट कार्यक्रम के दूसरे चरण में एपीजी शिमला विश्वविद्यालय के डीन इंजीनियरिंग, प्रो. डॉ. अंकित ठाकुर द्वारा परिणाम-आधारित शिक्षा (ओबीई) पर एक अत्यंत ज्ञानवर्धक व्याख्यान दिया। डॉ. अंकित ठाकुर ने परिणाम आधारित शिक्षा (ओबीई) के मूल सिद्धांतों की व्याख्या की, जिसमें पाठ्यक्रम परिणाम (सीओ), कार्यक्रम परिणाम (पीओ) और कार्यक्रम शैक्षिक उद्देश्य (पीईओ) जैसे मापनीय शिक्षण परिणामों पर प्रतिभागी शिक्षकों का ध्यान आकर्षित किया। डॉ. ठाकुर ने ब्लूम शिक्षा थ्योरी के वर्गीकरण का उपयोग करके पाठ्यक्रम और मूल्यांकन को संरेखित करने और स्कोरिंग रूब्रिक्स और ओपन-बुक परीक्षाओं जैसी नवीन रणनीतियों को अपनाने पर जोर दिया।

फैकल्टी डेवलपमेंट कार्यक्रम के तीसरे चरण में हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला के भूगोल विभाग के अध्यक्ष एवं सरदार पटेल विश्वविद्यालय, मंडी के पूर्व कुलपति प्रो. देव दत्त शर्मा ने प्रतिभागी शिक्षकों के पेशेवर परिदृश्य में सॉफ्ट स्किल्स की महत्वपूर्ण भूमिका पर एक व्यावहारिक और बौद्धिक रूप से समृद्ध व्याख्यान दिया। प्रो. देव दत्त शर्मा ने इस बात पर ज़ोर देते हुए कहा कि शैक्षणिक प्रभावशीलता विषय विशेषज्ञता से परे है।

फैकल्टी डेवलपमेंट के चौथे चरण की शुरुआत हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला के रसायन विज्ञान विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष डॉ. संदीप चौहान के विचारोत्तेजक व्याख्यान के साथ हुई। डॉ. चौहान ने बहु-विषयक शिक्षा, कौशल विकास और शोध-संचालित शिक्षा नीति पर फोकस करने पर जोर दिया, साथ ही संसाधन की कमी, संकाय की तैयारी और संस्थागत तत्परता से संबंधित चिंताओं को भी इंगित किया।

प्रो. डॉ. आनंद मोहन और डॉ. देविका राणा ने बहु-विषयक शिक्षा, शैक्षणिक लचीलापन और अनुसंधान एकीकरण सहित नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के मूल सिद्धांतों पर प्रकाश डाला कि वर्तमान समय की चुनौतियों से निपटने के लिए नव पीढ़ी को मानव विकास के साथ साथ उनके शैक्षणिक अध्ययन को बेहतर बनाना, गुणात्मक शिक्षा प्रदान कर रोजगार सृजन करने के लिए सक्षम बनाना और नए नए नवाचारों द्वारा आत्मनिर्भर बनाने में मदद करना है।

कार्यक्रम के अंत में एपीजी शिमला विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. डॉ. आर.एल. शर्मा ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया। प्रो. डॉ. आर.एल. शर्मा ने फैकल्टी डेवलपमेंट कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए सभी आयोजकों, प्रतिभागी शिक्षकों और रिसोर्स पर्सन का धन्यवाद किया।

फैकल्टी डेवलपमेंट कार्यक्रम के दौरान एपीजी शिमला विश्वविद्यालय के कुलाधिपति इंजीनियर सुमन विक्रांत भी उपस्थिति रहे। कुलाधिपति इंजीनियर सुमन विक्रांत, कुलपति प्रो. राजेंद्र सिंह चौहान, कुलसचिव प्रो. डॉ. आर.एल. शर्मा , डीन एकेडमिक्स प्रो. आनंद मोहन शर्मा ने फैकल्टी डेवलपमेंट कार्यक्रम में सभी संकायों के प्रतिभागी शिक्षकों, विभागाध्यक्षों, अधिष्ठाताओं और आयोजकों को प्रमाणपत्र प्रदान कर सम्मानित किया।

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