शिमला: APG शिमला यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ लीगल स्टडीज एंड रिसर्च ने सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ एक सशक्त पहल करते हुए 100 दिन बाल विवाह मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत एक विशेष जागरूकता कार्यक्रम का सफल आयोजन किया। इस कार्यक्रम में बाल विवाह, महिलाओं के प्रजनन अधिकार, बाल संरक्षण और पोक्सो (POCSO) अधिनियम जैसे संवेदनशील और महत्वपूर्ण सामाजिक एवं कानूनी मुद्दों पर गहन मंथन किया गया।

इस महत्वपूर्ण सत्र में बतौर विषय विशेषज्ञ श्रीमती ममता पॉल शर्मा और एडवोकेट विक्रांत चौहान ने शिरकत की। उन्होंने अपनी कानूनी विशेषज्ञता और वास्तविक जीवन के अनुभवों को साझा करते हुए छात्रों का मार्गदर्शन किया। वक्ताओं ने शिक्षा, जागरूकता और सामूहिक जिम्मेदारी की भूमिका पर जोर देते हुए कहा कि समाज में न्यायपूर्ण बदलाव लाने के लिए युवाओं को आगे आना होगा। उन्होंने छात्रों को प्रेरित किया कि वे समाज में हो रहे अन्याय के खिलाफ केवल मूकदर्शक न रहें, बल्कि एक सूचित, जिम्मेदार और सक्रिय नागरिक की भूमिका निभाएं।
इस ज्ञानवर्धक पहल का आयोजन विभागाध्यक्ष डॉ. भावना वर्मा और उनके संकाय सदस्यों द्वारा किया गया। इसका मुख्य उद्देश्य कानून की पढ़ाई कर रहे छात्रों को किताबी ज्ञान से परे वर्तमान सामाजिक चुनौतियों और कानूनी प्रावधानों का व्यावहारिक ज्ञान प्रदान करना था।
कार्यक्रम की गरिमा बढ़ाने के लिए विश्वविद्यालय के शीर्ष पदाधिकारी भी मौजूद रहे। इनमें प्रो-चांसलर डॉ. रमेश चौहान, सलाहकार इंजीनियर सुमन विक्रांत, कुलसचिव डॉ. आर.एल. शर्मा, डीन अकादमिक्स डॉ. आनंद मोहन, डीन फैकल्टी डॉ. अश्वनी शर्मा और डीन स्टूडेंट वेलफेयर डॉ. नीलम शर्मा प्रमुख रूप से शामिल थे। सभी गणमान्य व्यक्तियों ने स्कूल ऑफ लीगल स्टडीज की इस पहल की सराहना की और भविष्य में भी ऐसे सामाजिक सुधारों से जुड़े जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने के लिए प्रोत्साहित किया।